सार

Bihar Dowry Free Village: बिहार के गोबरहिया गांव ने पेश की मिसाल। यहां दहेज प्रथा का नामोनिशान तक नहीं, थारू समाज की परंपराओं ने इसे पूरी तरह नकार दिया है। थाने में दहेज उत्पीड़न का एक भी मामला दर्ज नहीं।

Bihar Dowry Free Village: भारत में दहेज प्रथा एक गंभीर सामाजिक समस्या बनी हुई है। आए दिन दहेज उत्पीड़न के मामले सामने आते हैं, जिनमें विवाहिता के साथ दुर्व्यवहार, हिंसा होती हैं। लेकिन बिहार के बगहा जिले का गोबरहिया थाना क्षेत्र इस प्रथा से पूरी तरह मुक्त है और एक अनूठी मिसाल पेश कर रहा है। इस क्षेत्र में अब तक दहेज उत्पीड़न से जुड़ा एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। इस बदलाव का श्रेय यहां की थारू जनजाति को जाता है, जो अपने कठोर सामाजिक नियमों और परंपराओं के चलते दहेज प्रथा को पूरी तरह नकारती है। यहां विवाह को एक पवित्र सामाजिक बंधन माना जाता है, जिसमें लेन-देन की कोई गुंजाइश नहीं है।

थारू जनजाति का योगदान

गोबरहिया थाना क्षेत्र में अधिकांश जनसंख्या थारू जनजाति की है। यह समुदाय अपनी पारंपरिक मान्यताओं का कड़ाई से पालन करता है, जिसमें दहेज जैसी कुप्रथाओं के लिए कोई स्थान नहीं है। इस समाज में यदि कोई व्यक्ति दहेज लेने या देने की कोशिश करता है, तो उसे समाज द्वारा पूरी तरह से बहिष्कृत कर दिया जाता है। मतलब कि दहेज लेने-देने वाले परिवारों को समाज में तिरस्कार झेलना पड़ता है, जिससे यह कुप्रथा समाप्त हो गई। इलाके में आपसी सौहार्द और शांति बनी रहती है, जिससे क्षेत्र में अपराध दर शून्य के बराबर है।

बगहा पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा?

बगहा पुलिस अधीक्षक सुशांत कुमार सरोज के अनुसार, थारू समाज की यह परंपरा समाज के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा, "थारू समाज के लोग अपनी परंपराओं का कड़ाई से पालन करते हैं। यहां दहेज जैसी कुरीतियों के लिए कोई जगह नहीं है, इसलिए दहेज उत्पीड़न के मामले भी नहीं होते। अगर अन्य समुदाय भी इस परंपरा को अपनाएं, तो दहेज प्रथा को समाप्त किया जा सकता है।"

स्थानीय लोग कहते हैं—यह गर्व की बात

गोबरहिया के स्थानीय निवासी कहते हैं कि हमारे समाज में दहेज लेना-देना गलत माना जाता है। विवाह में कोई लेन-देन नहीं होता, यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। एक ग्रामीण बताते हैं कि गोबरहिया थाना क्षेत्र में अब तक दहेज उत्पीड़न का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है। यहां के लोग आपस में मिलजुलकर रहते हैं, जिससे समाज में तनाव और अपराध न के बराबर है। जहां बिहार के अन्य जिलों में अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं, वहीं गोबरहिया थाना क्षेत्र में हत्या, डकैती और चोरी जैसी घटनाएं नाममात्र की हैं।