सार

Bihar scholarship schemes: बिहार सरकार ने 35 लाख छात्रों को ₹550 करोड़ की छात्रवृत्ति दी। जानिए 4 प्रमुख योजनाओं के बारे में, जो शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती हैं और आप कैसे इनका लाभ उठा सकते हैं।

Bihar scholarship schemes: बिहार सरकार ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई हैं, जिससे छात्रों को आर्थिक सहायता मिल रही है। हाल ही में राज्य में 35 लाख छात्रों को 550 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। यह सहायता मुख्य रूप से पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए दी गई है। क्या आप भी इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आइए जानते हैं उनके बारे में डिटेल में।

1. अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना

यह योजना अत्यंत पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को स्कूल स्तर पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए चलाई जाती है। 2023-24 में कुल लाभार्थी 56.18 लाख छात्र थे। जिन्हें 619 करोड़ रुपये दिए गए। 2024-25 में कुल लाभार्थी छात्र 33.41 लाख थे। जिन्हें 358 करोड़ रुपये बांटे गए।

कौन ले सकता है लाभ?

बिहार का निवासी होना चाहिए। छात्र का नाम किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में दर्ज होना चाहिए। पारिवारिक वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।

2. मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना

यह योजना पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्ग के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई है। 2023-24 में कुल लाभार्थी छात्र 2.10 लाख ​थी। जिन्हें 110 करोड़ रुपये बांटे गए थे। 2024-25 में 1 लाख छात्रों ने आवेदन किया।

3. मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना

यह योजना अत्यंत पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। 2023-24 में कुल लाभार्थी छात्र एक लाख थे। जिन्हें 100 रुपये वितरित किए गए। 2024-25 में लाभार्थियों की संख्या 1.10 लाख थी।

4. मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना

यह योजना पिछड़ा वर्ग के मेधावी छात्रों के लिए चलाई जाती है, ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। 2023-24 में कुल लाभार्थी छात्रों की संख्या 75 हजार थी। जिन्हें 75 करोड़ रुपये दिए गए। 2024-25 में लाभार्थी छात्रों की संख्या 77 हजार रही। जिन्हें 77 करोड़ रुपये वितरित किए गए।