26 जनवरी को सबसे मार्मिक खबर: 3 बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कंधा, श्मशान का यह दृश्य देख हर कोई रो पड़ा

| Jan 26 2023, 04:32 PM IST

बेटियो ने दिया कंधा

सार

बिहार के किशनगंज में देखने को मिला अनोखा नजारा। यहां पुरानी रूढ़िवादी सोच की बेड़ियां तोड़ते हुए बेटियों ने सिर्फ अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया बल्कि मुखाग्नि तक दी। बेटियों को पिता को कंधा देते देख नम हुई लोगों की आंखे।

किशनगंज (kishanganj). बिहार के किशनगंज में हैरान करने वाला और आंखों को नम कर देने वाला नजारा देखने को मिला। यहां पिता के निधन होने के बाद कोई और पुरुष नहीं होने के चलते बेटियों ने बेटों की तरह फर्ज पूरा करते हुए सारी जिम्मेदारी पूरी की। बेटियों को इस तरह से करता देखने के बाद एक बार को लोगों की आंखों में आंसू तक आ गए।

बेटों की तरह बेटियों को पाला

Subscribe to get breaking news alerts

किशनगंज के रौलबाग शहर में रहने वाले मिथिलेश कुमार के कोई भी बेटा नहीं था उनकी संतानों में तीनों ही बेटियां थी। इसके बाद भी उन्होंने कभी भी बेटे नहीं होने का अफसोस नहीं मनाया और तीनों बेटियों को ही बेटों सा प्यार और परवरिश दी। उन्होंने अपनी बेटियों को पढ़ाया लिखाया और इतना काबिल बनाया की तीनों अपने पैरों पर खड़ी हो सके। और पिता के इस परिश्रम का बेटियों ने भी सही फल दिया। बेटियों ने अच्छी पढ़ाई की। इनमें से बड़ी बेटी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में सीएचओ के पद पर कार्यरत है वहीं मझली बेटी एमजीएम में स्टॉफ नर्स के पद पर कार्यरत है, जबकि छोटी बेटी लक्ष्मी कुमारी बीएससी नर्सिंग की छात्रा है।

देहांत के बाद बेटियों ने बेटों वाला फर्ज पूरा किया

तीनों बेटियों के पिता की कुछ दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। बेटियां उनका लगातार ध्यान रख रही थी। बुधवार के दिन पिता की हालत ज्यादा ही खराब हो गई और उनका निधन हो गया। अब पिता की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार कौन करेगा यही बात चल रही थी। तभी बेटियों ने पुरानी रीतियों को तोड़ते हुए खुद ही पिता के अंतिम संस्कार की रस्मे पूरी करने की जिम्मेदारी ली।

बेटियों को कंधा देते देख लोगों की आंखे हुई नम, बढ़ाया हौसला

जैसे ही बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया वहां आए लोगों की आंखे एक बार को तो नम हो गई। उन्होंने ने नम आंखों से ही बेटियों के काम की सराहना की और उनका हौसला बढ़ाते हुए सात्वना दी। वहीं सबसे छोटी बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। इतना करने के साथ ही इस परिवार ने कई मिथकों को तोड़ा।

इसे भी पढ़े- जुए में हार और कर्ज से परेशान शख्स ने छोड़ दिया था घर, 23 साल बाद वापस लौटा तो चल रही थी उसी के श्राद्ध की तैयारी

 

Top Stories