सार

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बिहार से गहरा नाता था। वे कई बार बिहार आए, बाढ़ राहत के लिए आर्थिक मदद दी और विकास कार्यों में रुचि दिखाई। विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर भी उन्होंने विचार किया।

पटना न्यूज: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को 92 साल की उम्र में निधन हो गया। यह जानकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली की ओर से दी गई। मनमोहन सिंह लगातार दो कार्यकाल तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और उनकी व्यक्तिगत छवि बेहद साफ-सुथरी थी। उनकी पहचान इस शब्द से समझी जा सकती है कि भारत में आर्थिक सुधारों का श्रेय उन्हें ही जाता है, चाहे वह 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल हो या उससे पहले वित्त मंत्री के तौर पर उनका काम। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का बिहार से बेहद खास लगाव था। भले ही यह मामला राजनीतिक हो, लेकिन उन्होंने बिहार की हरसंभव मदद की थी।

मनमोहन सिंह पीएम रहते कब आए थे बिहार

दरअसल, पीएम रहते हुए मनमोहन सिंह 8 नवंबर 2005 को सीतामढ़ी आए थे। तब उन्होंने बिहार के पूर्णिया, सहरसा के बाद सीतामढ़ी के जिला मुख्यालय डुमरा हवाई पट्टी पर एक जनसभा को संबोधित किया था। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव भी उनके साथ थे। 2005 में विधानसभा चुनाव का साल था। ऐसे में तत्कालीन पीएम और रेल मंत्री राजद प्रत्याशी मोहम्मद ताहिर उर्फ ​​छोटे खान के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित करने आए थे।

बिहार को आर्थिक मदद दी

इतना ही नहीं, देश को आर्थिक संकट से उबारने में बिहार के विकास में मनमोहन सिंह का बहुत अहम योगदान बताया जाता है। कहा जाता है कि वे हर संकट के समय बिहार को आर्थिक मदद देने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। उन्होंने खुद तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के साथ बिहार में आई बाढ़ का जायजा लिया था और बाढ़ राहत के लिए ही बिहार को 1000 करोड़ रुपये का विशेष अनुदान दिया था।

बिहार में भयंकर बाढ़ के दौरान किया था मदद

साथ ही, उन्होंने बिहार में विकास संबंधी समस्याओं में भी गहरी दिलचस्पी दिखाई है। उनकी पहल पर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, नई दिल्ली ने 1989 में 'बिहार: विकास की समस्याएं' शीर्षक से एक अध्ययन कराया था। इसके अलावा, उन्होंने बिहार की कृषि उत्पादकता का अध्ययन करने के लिए एसआर सेन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 2008 की त्रासदी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब कुशहा बांध टूटने के कारण बिहार में भयंकर बाढ़ आई थी।

मनमोहन सिंह जुलाई 2007 में भी बिहार आए थे

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मनमोहन सिंह जुलाई 2007 में भी बिहार आए थे और उस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी थी। तब उन्होंने पटना में आयोजित राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक की अध्यक्षता की थी। एक किताब के अनुसार, बताया जाता है कि वे 27 जुलाई 2004 को प्रधानमंत्री के तौर पर पटना भी आए थे।

मनमोहन सिंह का बिहार के प्रति विशेष लगाव था

इधर, जब बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग ने जोर पकड़ा, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस मांग पर विचार करने के लिए रघुराम राजन की अध्यक्षता में एक विशेष समिति गठित की थी। इसके अलावा राज्य सरकार की पहल पर उनके नेतृत्व में सरकार ने पटना में डॉल्फिन रिसर्च सेंटर के निर्माण को मंजूरी दी थी। इन सभी घटनाओं से यह कहा जा सकता है कि मनमोहन सिंह का बिहार के प्रति विशेष लगाव था। भले ही यह समय की मांग और राजनीतिक लाभ के लिए था, लेकिन इससे बिहार को किसी न किसी तरह से फायदा जरूर हुआ।