सार
दिल्ली में प्रचंड जीत के साथ 27 साल बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई है। बीजेपी की सफल रणनीति में औवेसी भी एक फैक्टर शामिल रहे। जानें एआईएमआईएम से कैसे मिला भगवा पार्टी को फायदा?
Delhi Assembly Election 2025 Results:दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस (Congress) के बीच गठबंधन न होने से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को निर्णायक जीत मिली लेकिन इस चुनाव में हैदराबाद फैक्टर भी अहम रहा। असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने भले ही कोई सीट न जीती हो लेकिन उसके प्रत्याशियों ने कई क्षेत्रों में नंबर तीन की पोजिशन हासिल कर न केवल कांग्रेस को पीछे धकेल दिया बल्कि कई जगह अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा कर दिया जिससे बीजेपी की राह आसान हो गई।
AIMIM ने मुस्लिम बहुल क्षेत्र में आप का बिगाड़ा खेल
AIMIM ने दिल्ली चुनाव में ओखला (Okhla) से शिफा उर रहमान खान (Shifa Ur Rehman Khan) और मुस्तफाबाद (Mustafabad) से ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) को मैदान में उतारा था। ये दोनों नेता 2020 दिल्ली दंगों (Delhi Riots 2020) से जुड़े मामलों में आरोपी हैं और फिलहाल जेल में हैं। इन दोनों कैंडिडेट्स ने वोट शेयर में अच्छी खासी सेंधमारी की। इसका नुकसान यह हुआ कि आप और कांग्रेस को मिलने वाला वोट इनको मिला। जिसका सीधा लाभ बीजेपी ने उठाया।
ओखला में AAP को झटका लेकिन सीट बचाने में सफल
ओखला सीट पर AAP के मौजूदा विधायक अमानतुल्लाह खान (Amanatullah Khan) ने 23,639 वोटों से जीत दर्ज की। हालांकि, BJP के मनीष चौधरी (Manish Chaudhary) ने उन्हें कड़ी टक्कर दी और दूसरे स्थान पर रहे। AIMIM के शिफा उर रहमान खान, जो इस समय तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद हैं, ने 39,558 वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस की आरिबा खान (Ariba Khan) मात्र 12,739 वोटों के साथ चौथे स्थान पर चली गईं। हालांकि, अमानतुल्लाह खान अपनी सीट बचाने में सफल रहे लेकिन उनकी जीत का अंतर 50,000 से अधिक वोटों से घटकर 23,639 रह गया।
मुस्तफाबाद में AIMIM फैक्टर से BJP की आसान जीत
मुस्तफाबाद सीट का मुकाबला और भी रोमांचक रहा। यहां करीब 40% मुस्लिम आबादी होने के बावजूद, BJP के मोहन सिंह बिष्ट (Mohan Singh Bisht) ने 17,578 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। आम आदमी पार्टी के अदील अहमद खान (Adeel Ahmed Khan) को 67,637 वोट मिले, जबकि AIMIM के ताहिर हुसैन ने 33,474 वोट हासिल किए। कांग्रेस के अली मेहदी (Ali Mehdi) सिर्फ 11,763 वोटों पर सिमट गए। AIMIM की एंट्री से अल्पसंख्यक वोटों का विभाजन हुआ जिससे BJP को बड़ा फायदा मिला और उसने सीट अपने नाम कर ली।
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चुनाव प्रचार के लिए AIMIM प्रत्याशियों को मिली थी बेल
दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM के दोनों उम्मीदवारों को प्रचार के लिए अंतरिम जमानत मिली थी। उन्होंने पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के साथ कई रोड शो किए। ओवैसी की सक्रियता और AIMIM की एंट्री ने अल्पसंख्यक मतदाताओं में नया समीकरण तैयार किया, जिसका असर कांग्रेस पर पड़ा और वह पूरी तरह हाशिए पर चली गई।
BJP ने बगावत टालने के लिए मोहन सिंह बिष्ट को उतारा लेकिन...
मुस्तफाबाद सीट पर BJP ने एक खास रणनीति अपनाई। मोहन सिंह बिष्ट पहले करावल नगर (Karawal Nagar) से विधायक थे लेकिन 2015 में AAP के कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) से हार गए थे। जब कपिल मिश्रा BJP में आए तो 2020 में बिष्ट ने करावल नगर सीट फिर से जीत ली। इस बार पार्टी ने करावल नगर से कपिल मिश्रा को टिकट दिया जिससे बिष्ट नाराज हो गए। BJP ने उन्हें मनाने के लिए मुस्तफाबाद से उतारा और यह दांव सफल रहा।
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