सार
दिल्ली विधानसभा के चुनाव जल्दी होने जा रहे हैं। ऐसे में आइए नजर डालते है दिल्ली के इतिहास के उन पन्नों पर जिनके बारे में शायद ही जानते होंगे आप।
नई दिल्ली। दिल्ली में जल्दी विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। अगले साल 2025 में फरवरी महीने के अंदर चुनाव होने की संभावना है। ऐसा कहा जा रहा है कि 18 फरवरी से पहले चुनाव हो सकते हैं। इस चुनाव को जीतने के लिए आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस जमकर मेहनत करती हुई दिखाई दे रही है। पार्टियों के बीच जंग देखने को मिल रही है। आम आदमी पार्टी पार्टी के नेता बीजेपी पार्टी पर जमकर निशाना साधते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं, कांग्रेस औऱ आप पार्टी के बीच गठबंधन की बात सामने आ रही थी। इस बात को खारीज करते हुए अरविंद केजरीवाल ने ये साफ कर दिया कि वो अकेले ही इस बार चुनाव लड़ने वाली है। वहीं, कांग्रेस भी पहले ये हिंट दे चुकी है। लेकिन क्या आपको पता है कि दिल्ली का पहला विधानसभा चुनाव कब हुआ था और दिल्ली का पहल सीएम कौन बना था?
- दिल्ली में काफी लंबे समय तक नगरपालिका का प्रशासन रहा था, जिसका प्रमुख चीफ गर्वनर होता था। दिल्ली को फिर पार्ट-सी स्टेटा का दर्जा मिला था।
- इसी के आधार पर 7 मार्च 1952 को दिल्ली विधानसभा निर्वाचित हुई थी। उस वक्त सदस्यों की संख्या 48 थी। मंत्रिपरिषद का नेतृत्व करने का काम चौधरी ब्रह्म प्रकाश कर रहे थे। इस तरह वो दिल्ली के पहले सीएम बने थे। वो तीन साल तक ये पद संभालते रहे।
- दिल्ली के शकूरपर गांव से वो ताल्लुक रखते थे। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भी अलग ही भूमिका निभाई थी। उनके सीएम बनने के पीछे प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का बहुत बड़ा हाथ था। कांग्रेस के नेताओं पर उन पर काफी भरोसा था।
- चौधरी ब्रह्म प्रकाश आम जिदंगी गुजराना पसंद करते थे। वो सरकार बसों में सफर करते थे। वो लोगों के बीच रहकर उनकी परेशानी सुनते थे। उनकी सादगी के चलते पड़ा था उनका शेर-ए- दिल्ली नाम। इतना ही नहीं उनका अपना घर भी नहीं था।
- बहुत कम लोगों को ये पता है कि ब्रह्म प्रकाश की पोती एकता चौधरी 2009 में मिस इंडिया का भी खिताब जीत चुकी हैं।
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