सार

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक का मुद्दा लगातार बढ़ रहा है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी पीएम के निधन के बाद इस तरह का मुद्दा उठा हो। आइए जानते हैं उन तीन पीएम के बारे में यहां। जिनका अंतिम संस्कार दिल्ली में नहीं हुआ।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन से पूरे देशभर में इस वक्त गम का माहौल बना हुआ है। इसके अलावा उनके स्मारक को लेकर सियासत काफी तेज हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में परंपरा का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए जमीन मुहैया कराने की बात कही थी। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के ऐसे तीन प्रधानमंत्री रहे हैं, जिनका दिल्ली में अंतिम संस्कार नहीं हुआ है। जानिए क्या रही इसके पीछे की बड़ी वजह।

पीवी नरसिम्हा राव

2004 में भारत के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव का निधन हुआ था। पीवी नरसिम्हा राव के परिवार वाले दिल्ली में ही उनके अंतिम संस्कार करना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस के बड़े नेता हैदराबाद में उनका अंतिम संस्कार करवाना चाहते थे। इसको लेकर काफी बवाल भी हुआ था। ऐसे में कांग्रेसी वाईएस रेड्डी की पहल पर उनका अंतिम संस्कार हैदराबाद में किया गया।

वीपी सिंह

साल 2008 में पूर्व पीएम वीपी सिंह का निधन हो गया था। दिल्ली में उनके अंतिम संस्कार का मुद्दा खड़ा हुआ था। बाद में उन्हें इलाहाबाद ले जाया गया। परिवार की इच्छा के मुताबिक उनका अंतिम संस्कार प्रयागराज में संगम के किनारे किया गया। अंतिम संस्कार के बाद सिंह के स्मारक बनाने की भी बात कही गई थी, लेकिन यह दिल्ली में नहीं बन सका। 2023 में एमके स्टालिन की सरकार ने तमिलनाडु में वीपी सिंह की भव्य प्रतिमा लगवाई।

मोरारजी देसाई

पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का निधन 1995 में मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में हुआ था। उनके परिवार ने साबरमती के तट पर उनका अंतिम संस्कार करवाया था। उनकी अस्थि का कलस दिल्ली लाया गया था। उनकी अलग से स्मारक बनाने की बात कही गई थी, लेकिन मोरारजी का स्मारक दिल्ली में नहीं बन पाया।

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