सार

फरीदाबाद से जुड़ा साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक मैकेनिकल इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर फंसाकर उससे 3.46 लाख रुपये की ठगी कर ली गई है। इस दौरान उसे काफी पीड़ित किया गया। 

 फरीदाबाद। टेक्नोलॉजी के आजकल जितने ज्यादा फायदे हैं उतने ज्यादा नुकसान भी है। साइबर ठगी से जुड़े मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं। हाल ही में फरीदाबाद से जुड़ा साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। एक मैकेनिकल इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर फंसाकर उससे 3.46 लाख रुपये की ठगी कर ली गई है। इतना ही नहीं आरोपियों की वजह से पीड़िता अकेले ही खुद को कमरे में बंद करके रखा था। दिन-रात उसके मोबाइल का कैमरा भी ऑन रहता था। हर एक चीज पर आरोपियों की निगाहें बनी रहती थी। करीब 6 दिन तक ये सिलसिला चलता रहा। बाद में जब डिजिटल अरेस्ट खत्म हुआ तब जाकर पीड़ित ने पुलिस को इस बारे में सूचना दी।

दरअसल पीड़ित का नाम मोहित बताया जा रहा है जोकि साइब थाना एनआईटी में सेक्टर-55 की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रहता है। वो बल्लभगढ़ृ-तिगांव रोड़ पर मौजूद एक फैक्ट्री में बतौर मैकेनिकल इंजीनियर काम करता है। 6 दिसंबर के दिन उसके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। कॉल करने वाले शख्स ने खुद को डीएचएल एक्सप्रेस दिल्ली से जुड़ा हुआ बताया। उसने कहा कि पीड़ित के नाम पर एक पार्सल दिल्ली एयरपोर्ट पर पाया गया है, जिसमें कुछ पासपोर्ट, पांच हजार डॉलर, ड्रग्स, बैंक के दस्तावेज आदि सामान मिले हैं।

12 दिसंबर के दिन पीड़िता के सामने आई पूरी सच्चाई

जब पीड़ित ने पार्सल भेजने वाली बात से इनकार किया तो उस शख्स ने कहा कि इस पार्सल के लिए पीड़ित के आधार कार्ड का इस्तेमाल किया गया है। उसने कॉल साइबर सेल में ट्रांसफर करने की बात कही। साथ ही अदालत में गवाही देने की भी बात का जिक्र किया। आरोपियों ने उसे वीडियो कॉन्फ्रेंस पर लिया। दिल्ली पुलिस का लोगों वीडियो कॉल में दिखाई दे रहा था। मनी लॉन्ड्रिंग तक का आरोप पीड़ित पर लगाया गया। पीड़ित को घर जाकर अकेले कमरे में रहने के लिए कहा गया। पीड़ित घर से ही काम करने लगा। साथ ही जब भी वो बाथरूम जाता तब आऱोपियों को बताकर जाता। इस दौरान उसने कैमरे को बंद नहीं किया करता था। उससे कहा गया कि उसके सारे पैसे आरबीआई के डमी खाते में जाएंगे। ताकि ये देखा जा सकें कि पैसे अवैध तौर पर तो नहीं आते। परिवार वालों को पीड़ित पर शक भी होता था। 12 दिसंबर के दिन आरोपी अपना माइक बंद करना भूल गए। इस दौरान वो हंसी मजाक कर रहे थे। तभी पीड़ित को उनकी बातों पर शक हुआ। उसने तुरंत कॉल काटी औऱ परिवार वालों को इस बात की जानकारी दी गई। बाद में फिर साइबर थाना पुलिस से इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई।

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