सार
आपको बता दें कि साल 2020 में भी एक विशाल किसान मार्च का आयोजन किया गया था. उस वक्त पंजाब और अंबाला के आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शंभू सीमा पर एकत्र हुए और दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए पुलिस अवरोधकों को तोड़ दिया था।
किसान आंदोलन। देश में एक बार फिर किसान आंदोलन तेज होता दिख रहा है। किसानों के आंदोलन को देखते हुए हरियाणा में अधिकारी उन किसानों को रोकने की तैयारी कर रहे हैं, जो अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली तक मार्च करने की योजना बना रहे हैं। इसके लिए सड़कों पर सीमेंट बैरिकेड्स, लोहे की कीलें, भारी पुलिस तैनाती की गई है।
किसानों को रोकने के लिए रूट डायवर्जन और सात स्तरीय सुरक्षा घेरा भी विस्तृत व्यवस्था का हिस्सा है। इससे पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है जिसमें एक शख्स सड़क पर लोहे की कीलें ठोकता नजर आ रहा है। पंजाब से लगती हरियाणा की सभी सीमाओं को बड़े-बड़े सीमेंट के बैरिकेड और कंटीले तारों से सील कर दिया गया है। हरियाणा के कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां भी तैनात की गई हैं।
साल 2020 का किसान आंदोलन
आपको बता दें कि साल 2020 में भी एक विशाल किसान मार्च का आयोजन किया गया था. उस वक्त पंजाब और अंबाला के आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में किसान शंभू सीमा पर एकत्र हुए और दिल्ली की ओर मार्च करने के लिए पुलिस अवरोधकों को तोड़ दिया था। इसके बाद निरस्त किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली के सीमा बिंदुओं पर एक साल तक विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं इससे पहले दिन में शंभू में हरियाणा-पंजाब सीमा को अंबाला और दिल्ली की ओर वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। इससे अंबाला की ओर यात्रा करने वाले यात्रियों को भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा।
हरियाणा के 7 जिलों में कार्रवाई
हरियाणा के अधिकारियों ने कहा कि किसानों को ट्रैक्टरों के माध्यम से राजमार्ग तक पहुंचने से रोकने के लिए घग्गर नदी के तल को भी खोद दिया गया है। हरियाणा सरकार ने भी किसानों के प्रस्तावित मार्च से पहले सात जिलों - अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं और बल्क SMS को निलंबित करने का आदेश दिया है।
यह तब हुआ है जब किसान मार्च में भाग लेने के लिए अपनी ट्रैक्टर ट्रॉलियां तैयार कर रहे हैं। राजपुरा में किसानों ने दिल्ली की ओर बढ़ने की तैयारी के तहत ट्रैक्टर मार्च निकाला है। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर 200 से अधिक किसान संघों द्वारा 13 फरवरी को मार्च शुरू करने की उम्मीद है।
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