सार

नॉर्थ इंडिया में भारी बारिश ने कहर बरपा दिया है। अगर सिर्फ हिमाचल प्रदेश की बात करें, तो लगातार भारी बारिश और लैंडस्लाइड्स के कारण प्रदेश में 91 लोगों की मौत हो गई है। IMD ने 14 जुलाई से इस क्षेत्र में फिर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

 

शिमला. नॉर्थ इंडिया में भारी बारिश ने कहर बरपा दिया है। अगर सिर्फ हिमाचल प्रदेश की बात करें, तो लगातार भारी बारिश और लैंडस्लाइड्स के कारण प्रदेश में 91 लोगों की मौत हो गई है। 1000 से अधिक सड़कें ब्लॉक हैं। 5000 से अधिक वॉटर सप्लाई स्कीम्स डैमेज हो चुकी हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग(IMD) ने 14 जुलाई से इस क्षेत्र में फिर भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।

हिमाचल प्रदेश में फिर भारी बारिश का अलर्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 24 जून से 13 जुलाई के दौरान हिमाचल प्रदेश में 91 मौतें हुई हैं। 34 मौतें भूस्खलन, बादल फटने और बाढ़ के कारण हुईं।

हालांकि, NDRF के DIG मोहसिन शाहिदी ने हिमाचल प्रदेश में स्थिति में सुधार के संकेत दिए हैं। कुल्लू के डिप्टी कमिश्नर पार्वती घाटी में कसोल से 4-5 किमी पहले सुमारोपा तक मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल हो गई है। घाटी में पुलगा, तुल्गा, रशोल और तोश जैसी जगहों पर लोग सुरक्षित बताए गए हैं। 

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ और मानसून की गतिविधियां

13 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर से सांगला से शिमला तक फंसे पर्यटकों को बचाने में व्यक्तिगत रूप से सहायता की थी। सीएम ने स्थिति का आकलन करने के लिए मंडी जिले के सेराज निर्वाचन क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित थुनाग उप-मंडल का दौरा किया। बाढ़ से थुनाग बाजार विशेष रूप से प्रभावित हुआ है। सीएम सुक्खू ने बाढ़ प्रभावित परिवारों को एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की है। सरकार ने कहा कि कि बाढ़ में बह गए घरों के री-कंस्ट्रक्शन के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का अपडेट

सीएम सुक्खू ने दावा किया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से रेस्क्यू टीमों ने 50,000 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित निकाला है।

12 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सतवंत अटवाल त्रिवेदी ने tweet किया था कि रेस्क्यू टीम ने 6 इजरायली पर्यटकों को सुरक्षित रूप से मणिकरण पहुंचाया। बरशैनी में अन्य 37 पर्यटकों के सुरक्षित निकाला गया।

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के लगभग 60,000 पर्यटकों को राज्य से सफलतापूर्वक निकाला गया है। इसके अतिरिक्त, कसोल से लगभग 10,000 पर्यटकों को एचआरटीसी बसों के माध्यम से सुरक्षित जगहों पर भेजा गया।

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