सार

भारत के पहले प्रधानमंत्री पं​डित जवाहरलाल नेहरू को आरक्षण बिल्कुल पसंद नहीं था। ये बात खुद उन्होंने कई बार कही थी। उनका साफ कहना था कि आरक्षण के कारण व्यक्ति में हीन भावना आती है।

दिल्ली. कांग्रेस अभी नहीं बल्कि शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है। ये बात हम नहीं कह रहे हैं। ये बात खुद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कही थी। उन्होंने साफ कहा था कि वे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के लिए नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ हैं। क्योंकि इससे उनमें हीन भावना पैदा होती थी। अब यही बात कांग्रेस के अन्य नेता भी कह रहे हैं। यही बात हालही सैम पित्रोदा ने भी कही है।

सैम पित्रोदा भी आरक्षण के खिलाफ

आपको बतादें कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें वे आरक्षण के खिलाफ नजर आ रहे हैं। उन्होंने भी पं. जवाहर लाल नेहरू की तरह आरक्षण का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि आईआईटी और आईआईएम में आरक्षण नहीं होना चाहिए। क्योंकि आरक्षण से आईआईटी और आईआईएमएस के हालात बिगड़ जाएंगे।

पीएम मोदी ने भी साधा निशाना

आपको बतादें कि हालही पीएम मोदी ने भी राज्यसभा में राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में कांग्रेस और भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा था कि जवाहरलाल नेहरू को किसी भी रूप में आरक्षण पसंद नहीं था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण के खिलाफ रही है। मोदी ने कहा था कि इससे पता चलता है कि कांग्रेस हमेशा आरक्षण के खिलाफ रही है। क्योंकि नेहरू जी भी कहते थे कि अगर एससी, एसटी, ओबीसी को नौकरियों में कोटा मिलेगा, तो सरकारी काम का स्तर गिर जाएगा।

जानिये क्या बोले थे पं.नेहरू

पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि मुझे किसी भी रूप में आरक्षण पसंद नहीं है। खासकर नौकरियों में आरक्षण। मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं जो अक्षमता को बढ़ावा देता है और हमें सामान्यता की ओर ले जाता है।

आरक्षण पर मचा बवाल

दरअसल लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है। ऐसे में आरक्षण को लेकर भी मुद्दा गरम है। देश में मुस्लिम समाज को आरक्षण देने पर बहस चल रही है। भाजपा विपक्षी गठबंधन पर मुस्लिमों को आरक्षण देने का आरोप लगा रही है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ गए हैं। ऐसे में भाजपा नेता भी कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं। आपको बतादें कि ये पहली बार नहीं जब मुस्लिम आरक्षण चुनावी मुद्दा बना हो। इससे पहले भी कर्नाटक और तेलंगाना के चुनाव में आरक्षण का मुद्दा छाया रहा। इस मामले में अमित शाह ने भी कहा था कि मुस्लिमों को आरक्षण संविधान के खिलाफ है।

 

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