सार
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एसोसिएट प्रोफेसर पर पिछले महीने कथित हमले के सिलसिले में एक टैक्सी ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है। शंकर देवनाथ को 8 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उसका खुलासा पुलिस ने अब किया।
नई दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एसोसिएट प्रोफेसर पर पिछले महीने कथित हमले के सिलसिले में एक टैक्सी ड्राइवर को गिरफ्तार किया गया है। शंकर देवनाथ को 8 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उसका खुलासा पुलिस ने अब किया। पुलिस ने कहा कि घटना के पीछे की मंशा का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि घटना में शामिल अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। यह है मामला...
ट्रैफिक सिग्नल पर कार को बाइक ने टक्कर मारी थी
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सत्यब्रता दास ने आरोप लगाया था कि 14 जनवरी को आरके पुरम मार्ग के पास छह-सात लोगों ने उन पर हमला किया था। जेएनयू में सेंटर फॉर इंग्लिश स्टडीज से जुड़े दास की शिकायत के आधार पर वसंत कुंज पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया था।
दास ने कहा था कि 14 जनवरी की दोपहर आरके पुरम में एक ट्रैफिक सिग्नल पर पीछे से एक मोटरसाइकिल ने उनकी कार को टक्कर मार दी और उन्हें तुरंत छह-सात लोगों ने घेर लिया।
उन्होंने कहा था, 'मैं पालम मार्ग पर डीपीएस, आरके पुरम से आ रहा था और दोपहर करीब 3.20 बजे वसंत विहार (वसंत विहार डिपो के पास फ्लाईओवर के नीचे) की रेड लाइट पर रुका था। एक मोटरसाइकिल ने अचानक पीछे से मेरी कार में टक्कर मार दी।'
प्रोफेसर ने कहा कि जब कार लाल बत्ती पर थी, तो एक मोटरसाइकिल को टक्कर मारते हुए देखकर मैं चौंक गया। अचानक, कहीं से भी छह और लोगों ने मेरी कार को घेर लिया, मुझे वाहन से बाहर निकलने के लिए कहा और पैसे की मांग की। मुझे तुरंत एक फेक एक्सीडेंट याद आया कुछ महीने पहले जेएनयू में मेरे सहयोगी शरद भावस्कर के साथ दुर्घटना हुई थी।
बता दें कि जून, 2022 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के असिस्टेंट प्रोफेसर शरद बाविस्कर ने आरोप लगाया था किकैंपस जाते वक्त उनका किडनैप करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा था कि आरोपियों की संख्या काफी अधिक थी। उन्होंने पर्स-क्रेडिट कार्ड छीन लिया। आरोपी उन्हें पसंद नहीं करते थे। शरद के अनुसार, आरोपी उन्हें एंटी नेशनल कह रहे थे।
दास ने कहा था, "मैंने सिग्नल के हरे होने का इंतजार नहीं किया और तेजी से जेएनयू की ओर चला गया। मैंने मेन गेट पर मौजूद सुरक्षा गार्डों से पुलिस बुलाने को कहा।"
दास ने आगे आरोप लगाया था कि आरोपियों ने विश्वविद्यालय के उत्तरी गेट तक उनका पीछा किया और सुरक्षा गार्डों की मौजूदगी में उनकी कार को फिर से घेर लिया। एसोसिएट प्रोफेसर ने आरोप लगाया था कि वे कार को लात मारते रहे और आग लगाने की धमकी देते रहे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि पुरुषों ने जेएनयू के सुरक्षा गार्डों से उनका फोन नंबर प्राप्त किया और उन्हें धमकियों और जबरन वसूली की मांग के साथ परेशान किया।
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