सार
रांची न्यूज: झारखंड सरकार ने राज्य की सड़क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर कई सड़कों को विकसित करने का फैसला किया है। इसमें दुमका-हंसडीहा सड़क को भी शामिल किया गया है, जो करीब 42 किलोमीटर लंबी है और झारखंड को बिहार को जोड़ती है।
निर्माण और रखरखाव: सड़क निर्माण और रखरखाव की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है।
वित्तीय विश्लेषण: झारखंड सरकार का सड़क निर्माण विभाग परियोजना की व्यवहार्यता और वित्तीय विकल्पों का विश्लेषण करने के लिए एक परामर्श एजेंसी नियुक्त कर रहा है।
प्रक्रिया का विज्ञापन और समय सीमा
सरकार ने इस परियोजना के लिए एक विज्ञापन जारी किया है और परामर्श एजेंसी नियुक्त करने के लिए 20 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है। अगर परियोजना को पीपीपी मोड पर लागू किया जाता है, तो निर्माण कंपनी टोल प्लाजा स्थापित करेगी और वाहनों से टोल शुल्क वसूलेगी।
सरकार को फायदा: बिना खर्च के सड़कों का होगा सुधार
पीपीपी मोड के तहत निजी कंपनी सड़क निर्माण और रखरखाव का पूरा खर्च उठाएगी। इससे राज्य सरकार पर बिना किसी अतिरिक्त वित्तीय बोझ के सड़कों की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह व्यवस्था एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) की तर्ज पर होगी, जो सड़कों के रखरखाव के लिए टोल टैक्स वसूलती है।
अतिक्रमण हटाने के अभियान में सख्ती
झारखंड के झुमरीतिलैया (कोडरमा) में नगर परिषद ने 16 दिसंबर सोमवार को सड़क अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया।
अवैध दुकानों पर कार्रवाई: तिलकुट की दुकानों और स्टेशन रोड पर अतिक्रमण करने वालों से 26,350 रुपये का जुर्माना वसूला गया।
नगर परिषद की टीम: अभियान में फील्ड सुपरवाइजर दुलारचंद यादव, मुकेश राणा, उमेश कुमार, बलराम कुशवाहा और होमगार्ड के जवान शामिल थे।
सख्त निर्देश: नगर परिषद ने साफ कहा कि भविष्य में भी सार्वजनिक स्थानों और सड़कों को बाधित करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी।
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