सार

मध्य प्रदेश की लाडली बहना योजना के तहत नए पंजीकरण बंद, आर्थिक सहायता बढ़ाने की योजना नहीं। जानें विधानसभा में मंत्री निर्मला भूरिया का बयान और कांग्रेस के सवाल।

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की लोकप्रिय लाडली बहना योजना के तहत नए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया फिलहाल स्थगित है। यह योजना राज्य में भाजपा की सत्ता बनाए रखने में अहम मानी जाती है। विधानसभा सत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने इस बात की पुष्टि की।

कांग्रेस MLA ने पूछें ये चार सवाल

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक महेश परमार ने योजना से जुड़े 4 प्रमुख सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि छूटी हुई और नई पात्र महिलाओं के लिए रजिस्ट्रेशन कब शुरू होगा, क्या आर्थिक सहायता ₹1,250 से बढ़ाकर ₹3,000 करने की कोई योजना है और क्या पात्रता आयु में बदलाव किया जाएगा।

मंत्री निर्मल भूरिया ने कांग्रेस विधायक के सवालों का दिया जवाब

मंत्री निर्मला भूरिया ने जवाब में स्पष्ट किया कि नए पंजीकरण शुरू करने या मौजूदा आयु सीमा में बदलाव करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि ₹3,000 की आर्थिक सहायता का प्रस्ताव भी अनुपूरक बजट का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि आयु सीमा और आर्थिक सहायता राशि अपरिवर्तित रहेंगी। मंत्री ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को वृद्धावस्था पेंशन पहले से ही दी जा रही है। वर्तमान में योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या 1.29 करोड़ है।

₹3,000 तक की सहायता का वादा आखिर कब तक होगा पूरा?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने जून 2023 में यह योजना शुरू की थी, जिसमें शुरुआत में ₹1,000 की राशि दी जाती थी। विधानसभा चुनाव से पहले अक्टूबर में इसे ₹1,250 कर दिया गया था। सरकार ने इसे ₹3,000 तक बढ़ाने का वादा किया था। जिसमें ₹3,000 तक पहुंचने तक ₹250 की क्रमिक वृद्धि का वादा किया गया था। यह वादा भाजपा के घोषणापत्र की भी प्रमुख घोषणाओं में से एक थी। विपक्षी कांग्रेस ने पिछले साल से अब तक अगली वेतन वृद्धि लागू करने में विफल रहने और राशि को बढ़ाकर ₹1,500 करने के लिए भाजपा सरकार की बार-बार आलोचना की है। इसने मुख्यमंत्री मोहन यादव के इस आश्वासन पर भी सवाल उठाया है कि ₹3,000 का लक्ष्य 4 साल के भीतर हासिल कर लिया जाएगा। कांग्रेस ने सरकार की आलोचना करते हुए इसे केवल चुनावी वादा करार दिया है।

अन्य राज्यों में प्रभाव

लाडली बहना योजना की सफलता ने महाराष्ट्र और झारखंड में समान योजनाओं को प्रेरित किया। महाराष्ट्र में भाजपा की माझी लड़की बहन योजना और झारखंड में हेमंत सोरेन की मैया सम्मान योजना चुनावी सफलता का बड़ा कारण बनीं। इस योजना के जरिए मध्य प्रदेश सरकार महिला सशक्तिकरण का दावा कर रही है, लेकिन विपक्ष इसे वादाखिलाफी बताते हुए निशाना साध रहा है। क्या भविष्य में योजना का विस्तार होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।