सार

मध्य प्रदेश के श्योपुर शहर स्थित कूनो नेशनल पार्क में 12 चीतों को महाशिवरात्रि के दिन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने छोड़ा। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी को धन्यवाद करते हुए बोली ये बड़ी बात। जानिए सीएम क्यो बोले- पीएम का विजन दुनिया को दिखा रहा रास्ता।

श्योपुर (sheopur). मध्यप्रदेश के श्योपुर शहर में महाशिवरात्रि के दिन बड़ी खबर सामने आई। महाशिवरात्रि के दिन लोगों को ऐसा गिफ्ट मिला है कि इसे देखने के लिए उनकी भीड़ लग गई। दरअसल आज के दिन कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण आफ्रीका से आए 12 चीतों को क्वेरेनटाइन बाड़ों में छोड़ा गया है। ये काम खुद प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अपने हाथों से किया। इसके बाद उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ करते हुए उनके विजन को दुनिया को रास्ता दिखाने वाली बड़ी बात कहीं है। जानिए सीएम ऐसा क्यों बोले।

प्रदेश वासियों को मिला शिवरात्रि का खास तोहफा

प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 12 चीतों को छोड़ने के बाद सीएम शिवराज ने उत्साहित होते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को महाशिवरात्रि पर खास गिफ्ट मिला है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी की इससे पहले पिछले साल लाए गए 8 चीते यहां के माहौल में पूरी तरह से ढल गए है और उनकी सेहत भी ठीक है। प्रदेश में 12 नए चीते लाने के बाद इनका कुनबा बढ़ते हुए 20 पर पहुंच गया है। 12 चीतों को सुरक्षित और सफलता पूर्वक यहां लाने पर पूरी टीम को सीएम ने बधाई दी है।

PM मोदी का पर्यावरण संरक्षण का विजन दुनिया को रास्ता दिखाने वाला

पीएम मोदी को धन्यवाद देने के साथ ही सीएम शिवराज सिंह चौहान मीडिया को बताया कि पीएम देश के पर्यावरण संरक्षण और वन्यजीवों के प्रोटेक्शन के लिए प्रयासरत है। पर्यावरण संरक्षण के प्रति पीएम का विजन दुनिया को राह दिखा रहा है,और वे इसके लिए कितने सजग है इसको चीता परियोजना से समझा जा सकता है। दरअसल साउथ आफ्रीका और भारतीय सरकार द्वारा चीता रिइंट्रोडक्शन प्रोग्राम चलाया जा रहा है। जिसके लिए दक्षिण आफ्रीका से अगले 10 सालों के लिए हर साल 12 चीते लाए जाएंगे।

देश में चीता प्रोग्राम के तहत 12 चीते लाए गए

दरअसल चीता इंट्रोक्शन प्रोग्राम के तहत हर 12 चीते लाने के तहत दूसरी खेप में 12 चीतों को लाया गया है। इंडियन एयर फोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर कार्गों विमान से यहां लाया गया है। दोनो देशों ने मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग के तहत वन्यजीवों के संरक्षण उनकी आबादी बढ़ाने की मुहिम को आगे बढ़ाना है। इसलिए दोनों देशों द्वारा वन्यजीवो को एक्सचेंज किया जा रहा है।

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