सार
आमतौर पर लंगूर यूं ही किसी पर हमला नहीं करते, लेकिन यह लंगूर जैसे आतंकी हो चुका था। मध्य प्रदेश के राजगढ़ शहर में केवल दो सप्ताह में 8 बच्चों सहित लगभग दो दर्जन लोगों को काटने के बाद कुख्यात हुआ लंगूर आखिरकार पकड़ लिया गया।
भोपाल.आमतौर पर लंगूर यूं ही किसी पर हमला नहीं करते, लेकिन यह लंगूर जैसे आतंकी हो चुका था। मध्य प्रदेश के राजगढ़ शहर में केवल दो सप्ताह में 8 बच्चों सहित लगभग दो दर्जन लोगों को काटने के बाद कुख्यात हुआ लंगूर आखिरकार पकड़ लिया गया। उस पर 21,000 रुपये का इनाम रखना पड़ा था। इस लंगूर के पकड़े जाने की खबरें यूके के The Sun जैसे मीडिया हाउस तक की सुर्खियां बनी हैं।
मध्य प्रदेश: दुनिया का सबसे खतरनाक लंगूर पकड़ा गया
राजगढ़ के निवासी अकसर लंगूर को लेकर डरे-सहमे रहते थे। वे यही सोचकर परेशान थे कि क्या पता-कब ये लंगूर छत या पेड़ से उन पर झपट्टा मार लेगा। यह लंगूर 21 जून का पकड़ा गया था। अब यह मामला मीडिया-सोशल मीडिया में चर्चा में है।
हालांकि राजगढ़ नगर निगम अधिकारियों ने शंका जताई कि इसकी पुष्टि होना बाकी है कि कि क्या यह वास्तव में वही लंगूर है, जिसकी उन्हें तलाश थी? अधिकारियों का कहना है कि पूरी तरह साफ होने के बाद इसे घने जंगल में छोड़ दिया जाएगा, ताकि यह किसी इंसानी बस्ती के करीब न आ सके।
मध्य प्रदेश के मोस्ट वांटेड लंगूर पर था 21000 का इनाम
वांटेड लंगूर को पकड़ने वाली टीम को 15,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। वहीं, इसे पकड़वाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एक स्थानीय युवक को भी 6000 रुपए का इनाम मिलेगा। राजगढ़ शहर भोपाल से लगभग 140 किमी दू है। इस खूंखार लंगूर को राजगढ़ नगर पालिका ने 'वांटेड एनिमल' घोषित कर दिया था।
मुख्य बाजार में घुसकर तीन लोगों पर हमला करने के बाद नगर निकाय अध्यक्ष विनोद साहू ने उसे पकड़ने के लिए नकद इनाम की घोषणा की थी। इसने पहले ही कई लोगों को काट लिया था या उनकी आंखें घायल कर दी थीं, जिसके कारण टांके लगाने और इंजेक्शन लगाने की जरूरत पड़ी थी।
मप्र के राजगढ़ के मोस्ट वांटेड लंगूर की कहानी
लंगूर का आतंक इतना बढ़ गया था कि लोग अपने बच्चों को बाहर तक खेलने नहीं जाने दे रहे थे। छत पर जाने वाले लोग छाते लेकर चलते थे। राजगढ़ के अधिकारियों द्वारा सूचना भेजे जाने के बाद 165 किमी दूर उज्जैन से वन विभाग की एक विशेष टीम 21 जून की शाम 4 बजे के आसपास राजगढ़ पहुंची थी। उन्होंने लंगूर की ड्रोन से तलाश शुरू की और शाम 6 बजे के आसपास उसे बाईपास के पास एक बहुमंजिला इमारत के ऊपर देखा। इसके बाद ट्रैंकुलाइज करने के लिए एक टीम पहुंची। इसके बाद उसे पकड़ा गया।
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