सार
एक 63 वर्षीय क्रिमिनल पिछले 15 वर्षों से फरार चल रहा था। उसकी पहचान करना बहुत मुश्किल का काम था। पुलिस के एक मुखबिर ने यहां तक बताया था कि उसकी मौत हो गई है। पर एक सुराग मिलने के बाद पुलिस अपराधी तक पहुंच गई।
मुंबई। एक 63 वर्षीय क्रिमिनल पिछले 15 वर्षों से फरार चल रहा था। उसकी पहचान करना बहुत मुश्किल का काम था। पुलिस के एक मुखबिर ने यहां तक बताया था कि उसकी मौत हो गई है। पर एक सुराग मिलने के बाद पुलिस अपराधी तक पहुंच गई। पुलिस को देखकर पहले तो वह खुद को अपराधी मानने से इंकार करता रहा। पर जब पुलिस ने उसे टैटू दिखाया। तब उसने अपना अपराध स्वीकारा, मतलब यह है कि उसके हाथ पर बने एक टैटू के निशान ने उसे जेल पहुंचा दिया।
तेल चोरी के आरोप में हुआ था अरेस्ट
दरअसल, आरएके मार्ग पुलिस ने फरवरी 2008 में अर्मुगम देवेंद्र और उसके साथी को तेल चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। यह लोग बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट क्षेत्र में निषिद्ध क्षेत्र से तेल चोरी कर रहे थे। इस केस में देवेंद्र को जमानत मिल गई और उसे रिहा कर दिया गया था।
जमानत रद्द होने के बाद भगोड़ा घोषित
आरएके मार्ग पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस निरीक्षक (एएसआई) महेश लमखाड़े का कहना है कि चार्जशीट दायर होने के बाद, उनकी जमानत रद्द हो गई, पर वह थाने में हाजिर नहीं हुआ। अदालत ने भी उसे ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया। पुलिस उसके घर की जांच करती रही। पर उसकी पत्नी का भी निधन हो गया। घर पर कोई नहीं था। बस एक बात यह थी कि उसके अरेस्ट करते समय उसके हाथ पर एक टैटू का निशान बना था। वह गिरफ्तारी के समय दर्ज किया गया था।
अपराधी के बारे में मिल रही थीं अलग अलग सूचनाएं
पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत उस अपराधी को अरेस्ट किया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ मुखबिरों व अन्य स्रोतों से देवेंद्र के बारे में अलग अलग सूचनाएं मिल रही थीं। किसी ने बताया कि वह मर चुका है। जबकि अन्य ने बताया कि वह तमिलनाडु स्थित अपने गृह नगर चला गया।
बेटे के बारे में सूचना मिली तो मिला सुराग
पुलिस को उसके बेटे के बारे में सूचना मिली। उसका मोबाइल नम्बर प्राप्त कर पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली तो उसमें कुछ नम्बर ऐसे मिले। जिस पर ज्यादा बार बात हुई थी।
टूरिस्ट स्थलों पर मिली लोकेशन
एएसआई लमखाड़े का कहना है कि इस तरह के एक नंबर की लोकेशन मुंबई के कई टूरिस्ट स्थलों पर थी। जैसे-चौपाटी, मरीन ड्राइव, जुहू बीच, गेटवे ऑफ इंडिया। पुलिस को देवेंद्र के किसी टूरिस्ट बस में होने का शक हुआ। पुलिस ने जब फरार अपराधी देवेंद्र के व्हाट्सएप का स्टेटस देखा तो उसकी लोकेशन एक ट्रांसपोर्ट सर्विस में मिली। उस पर ‘मुंबई दर्शन’ का लोगो लगा हुआ था।
टूरिस्ट कंपनी के आफिस में मिला देवेंद्र
पुलिस ने एक आदमी टूरिस्ट कंपनी के ऑफिस भेजा। भेजे गए आदमी ने पूछा कि क्या मुंबई दर्शन के लिए बस मिल सकती है? उसी आफिस में देवेंद्र मिला। उसे अरेस्ट कर लिया गया। हालांकि उसने शुरु में इस बात से इंकार किया कि वह देंवेद्र है। उसने खुद का नाम अर्मुगम देवेंद्र बताया। पर जब पुलिस ने उसे दिल और क्रॉस का टैटू दिखाया, तब उसने स्वीकार लिया।