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हॉरर रोड बना मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे: 22,000 पर FIR होने के बावजूद देखने को मिल रहे ऐसे डरावने मंजर, ट्रक में जा धंसी आधी कार
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पुणे. यह तस्वीर डराती है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे ओवर स्पीड के चलते 'मौत का रास्ता' बनता जा रहा है। यह भयावह तस्वीर शुक्रवार(17 मार्च) की है, जो मीडिया पर वायरल है। एक तेज रफ्तार कार ने सामान से लदे ट्रक को पीछे से टक्कर मार दी। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना उर्से गांव के पास सुबह करीब 7.30 बजे हुई, जब कार ट्रक से टकरा गई। बताया जाता है कि ट्रक का टायर फट गया था और उसे बदले जाने के लिए साइड में खड़ा किया गया था। मरने वालों में कार ड्राइवर और दो अन्य शामिल हैं। यह एक्सीडेंट एक्सप्रेसवे के सबसे व्यस्त स्थानों में से एक पर हुई। दो पीड़ितों की पहचान राहुल बी कुलकर्णी (45) और विजय वी खैरे (70) के रूप में हुई है, जबकि तीसरे पीड़ित की पहचान तब तक नहीं हो सकी थी।
एक्सीडेंट के बाद हाईवे के प्रभावित मुंबई-पुणे हिस्से पर ट्रैफिक जाम हो गया था, जिसे स्थानीय पुलिस, हाईवे पेट्रोल और वॉलिंटियर ग्रुप्स द्वारा जल्द ही साफ कर दिया गया। हालांकि दुर्घटना का सटीक कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन पुलिस को संदेह है कि ड्राइवर ने शायद कंट्रोल खो दिया होगा, या झपकी लगी होगी। शिरगांव पुलिस ने बताया कि कार मुंबई से पुणे जा रही थी। वह सड़क किनारे खड़े लोडेड ट्रक से टकरा गई।
यह दुर्घटना महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक भीमनवार के उस बयान के कुछ दिनों बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर मरने वालों की संख्या में 50 प्रतिशत तक की कमी आई है। दिसंबर में अधिकारियों ने लापरवाही से ड्राइविंग और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-पुणे हाईवे (NH-4) पर 6 महीने का इंफॉर्समेंट ड्राइव चलाया था।(ये तस्वीर अन्य एक्सीडेंट की है)
कमिश्नर भीमनवार ने कहा था कि इस इंफॉर्समेंट ड्राइव के कारण दोनों हाईवे पर होने वाली मौतों में 55% की कमी आई है, जबकि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जनवरी और फरवरी में घातक दुर्घटनाओं की संख्या में 33% की कमी आई है। पहले तीन महीनों में नियम तोड़ने पर 22,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे। इनमें 5,000 से अधिक मोटर चालकों को ओवर स्पीडिंग के लिए और लगभग 4,000 प्रत्येक को लेन काटने और बिना सीटबेल्ट के ड्राइविंग करने के लिए बुक किया गया था। (ये तस्वीर अन्य एक्सीडेंट की है)
परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से अक्टूबर 2022 के बीच एक्सप्रेसवे पर 168 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 68 लोगों की मौत हुई और 92 घायल हुए। इसमें से 80% दुर्घटनाएं ह्यूमन एरर के कारण हुईं।(ये तस्वीर अन्य एक्सीडेंट की है)