पालघर मॉब लिंचिंग मामले में सीबीआई जांच का रास्ता साफ हो गया है। शिंदे सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि उन्हें पालघर में साधुओं की पीट-पीट कर की गई हत्या के मामले में CBI जांच से कोई आपत्ति नहीं है।
एकनाथ शिंदे गुट ने अपने चुनाव चिन्ह के विकल्प के रूप में 'चमकता सूरज', 'ढाल और तलवार' और 'पीपल का पेड़' का नाम की लिस्ट सौंपी है। इस पर आज ही फैसला होना है।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा है कि राज्य में अगले महीने होने वाले उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग द्वारा उनके ग्रुप को जो नाम दिया गया है, उसमें बालासाहेब ठाकरे हैं और वे चुनाव आयोग द्वारा दिए गए 'मशाल' चिन्ह को हर घर में ले जाएंगे।
शिवसेना ठाकरे गुट को चुनाव आयोग ने नया सिंबल अलॉट कर दिया है। दो दिन पहले आयोग ने शिवसेना के तीर-धनुष सिंबल को सीज कर दिया था। सेना के ठाकरे और शिंदे गुटों ने अलग-अलग दावों में खुद को असली शिवसेना बताते हुए तीर-धनुष की मांग की थी।
चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न जब्त करने के आदेश को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले में एकनाथ शिंदे को भी पक्षकार बनाया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी वीडी सावरकर(V D Savarkar) को दोहरी उम्र कैद की सजा सुनाई गई और उन्होंने जेल में यातनापूर्ण समय बिताया, जबकि कांग्रेस नेताओं ने अपनी कैद के दौरान आराम से समय बिताया।
शिवसेना को चुनाव आयोग ने तीर-धनुष वाला सिंबल साल 1989 में दिया था। इसके पहले शिवसेना कई चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ चुकी है। इसके पहले शिवसेना ने तलवार और ढाल, नारियल के पेड़, रेलवे इंजन, कप और प्लेट जैसे विभिन्न प्रतीकों पर चुनाव लड़ा है।
शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने चुनाव आयोग को दिए लिस्ट में पार्टी के चुनाव चिह्न के रूप में त्रिशूल को पहली और उगता हुआ सूरज को दूसरी पसंद बताया है। इसी तरह पार्टी के नाम के लिए 'शिवसेना बालासाहेब ठाकरे' पहली और 'शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे'दूसरी पसंद बताया गया है।
शिवसेना की लड़ाई चुनाव आयोग में पहुंचने के बाद दोनों गुटों को जोरदार झटका लगा है। चुनाव चिह्न पर दावा ठोकने वाले दोनों गुटों को चुनाव आयोग ने तीर-धनुष के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हमें जाति प्रथा को पूरी तरह से त्याग देना चाहिए। पिछली पीढ़ियों ने कई गलतियां की हैं, हमें इसे स्वीकार करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए।