एमपी के सीहोर में उन्होंने कहा- ''हम नाली साफ करवाने के लिए नहीं बने हैं। आपका शौचालय साफ करवाने के लिए बिल्कुल नहीं बनाए गए हैं। हम जिस काम के लिए बनाए गए हैं, वह काम हम ईमानदारी से करेंगे।''
जाह्नवी के छोटे भाई जयेंद्र पाठक की तबीयत अचानक बिगड़ गई। मालूम चला कि जयेंद्र का लिवर 90% डैमेज हो चुका है। यानी उनके बचने की उम्मीद न के बराबर थी।
हत्याकांड से पहले गांव में जन अदालत लगाई गई थी। यहां इन पर ओझाई और टोना-टोटका करने का आरोप लगाया गया। हत्या के बाद घटना को अंजाम देने वाले लोग गांव छोड़ कर भाग गए हैं।
यह हैं शमीम। इनके घर में सिर्फ एक पंखा और लाइट है। लेकिन जब घर में बिल पहुंचा, तो उसे देखकर उन्हें चक्कर आ गए।
उत्तराखंड के देहरादून में एक नागिन ने इलेक्ट्रिक की दुकान चलाने वाले एक शख्स की सिट्टी-पिट्टी गुम कर रखी है। उसे समझ नहीं आ रहा कि वो नागिन की फैमिली से कैसे छुटकारा पाए।
चंडीगढ़-अंबाला रोड पर जीरकपुर स्थित एक बिल्डिंग में रहने वाली 23 साल की लड़की की डेंगू से मौत हो गई थी। भाई बिल्डर के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराने पहुंचा, तो उसे निराशा हाथ लगी। लेकिन उसने हार नहीं मानी और कोर्ट से न्याय लिया।
यह इमोशनल और प्रेरक कहानी मध्य प्रदेश की है। यहां रहने वाली एक महिला ने अपने भाई की जिंदगी बचाने अपना लीवर दान कर दिया। भाई का लीवर 90% डैमेज हो चुका था। उसके बचने की उम्मीद न के बराबर थी।
रिजर्वेशन केंद्र में तैनात है महिला। बिमारी की हालत में ड्रिप लगाकर दफ्तर पहुंची।
आक्रोशित भीड़ ने सीओ को पीटा। हालात का जायजा लेने पहुचें थे अधिकारी।
जब नैनीताल के कलेक्टर सविन बंसल की पत्नी सुरभि शुक्रवार को बेटे का चेकअप कराने बीडी जिला अस्पताल पहुंचीं, तो उन्हें भी सरकारी तंत्र की हकीकत समझ आ गई। उन्हें भी डॉक्टर के इंतजार में बैठना पड़ा।