सार
कांग्रेस ने इस बार टिकट वितरण को लेकर काफी मंथन किया है। इसके बाद भी प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। पाली से कांग्रेस ने सात में से 6 चुनाव हारने वाले नेता को टिकट दिया है। जबकि भाजपा ने इस सीट पर 5 बार से लगातार जीत रहे विधायक को टिकट दिया है।
पाली। भारतीय जनता पार्टी आज शाम तक अपनी चौथी लिस्ट निकालने की तैयारी कर रही है, लेकिन इस बीच में कांग्रेस पांच लिस्ट जारी कर चुकी है और छठी लिस्ट आज शाम तक निकलने की बात कह रही है। दोनों ही पार्टियों ने 100 से ज्यादा टिकट दे दिए हैं और इन 100 से ज्यादा टिकट में 99 सीटों पर आमने-सामने उम्मीदवार तय हो चुके हैं। टिकट वितरण के बाद दोनों ही पार्टियों के नेता विरोध कर रहे हैं और अलग-अलग तरीके से विरोध दर्ज भी कर रहे हैं।
पाली से उम्मीदवार तय
राजस्थान के छोटे से शहर पाली सीट से भी कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। कांग्रेस ने कल रात की लिस्ट में अपना उम्मीदवार तय कर दिया है। इस सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवारों को हल्का माना जा रहा है।
भाजपा से 5 बार के विजयी विधायक को पाली से फिर टिकट
पहले बात भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार की , भारतीय जनता पार्टी ने पाली सीट से ज्ञानचंद पारेख को टिकट दिया है। वह लगातार यहां से पांच बार के विधायक हैं। छठवें बार पार्टी ने फिर से उन्हीं को टिकट दिया है। उनका मानना है कि उनकी जीत निश्चित है। मुख्यमंत्री कोई भी हो यहां से भारतीय जनता पार्टी ही 25 साल से जीतती आ रही है।
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कांग्रेस ने 6 चुनाव हार चुके नेता को बनाया प्रत्याशी
जबकि इस सीट से कांग्रेस ने ऐसे नेता को टिकट दिया है जो सात बार चुनाव लड़ चुका है, लेकिन उसमें से छह बार उन्हें हार मिली है। कांग्रेस पार्टी ने यहां से भीमराज भाटी को अपना प्रत्याशी बनाया है जो पहले निर्दलीय उम्मीदवार थे। उन्होंने 1993 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और वह जीते भी थे, लेकिन उसके बाद से कई बार उन्होंने कांग्रेस के सिंबल पर और निर्दलीय चुनाव जीतकर सत्ता में आने की कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके हैं। अबकी सातवीं बार पार्टी ने उनका टिकट दिया है।
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भाटी के विरोध में सीनियर नेताओं ने आलाकमान को लिखा पत्र
भाटी के विरोध में कांग्रेस के करीब 20 सीनियर नेताओं ने आलाकमान को पत्र भी लिख कर दिया था कि उनकी जगह किसी और को उम्मीदवार बनाया जा सकता है जो यह सीट जीतने में मदद कर सकता है। लेकिन पार्टी ने सभी की अर्जी खारिज कर दी।
ज्ञानचंद के खिलाफ भी भेजा गया था पत्र
भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने भी ज्ञानचंद पारेख के खिलाफ लिखकर दिया था कि इस बार पार्टी किसी दूसरे नेता को मौका देना चाहे तो दे सकती है क्योंकि यह सीट भाजपा का गढ़ है। लेकिन आला कमान ने सभी के नाम को खारिज कर दिया और ज्ञानचंद को लगातार जीत हासिल करने का तोहफा दिया है।