सार
झुंझुनूं जिले के चिड़ावा में उपभोक्ता विवाद के कारण ऑनलाइन कंपनी पर 52,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। आयोग ने उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण फैसला दिया।
झुंझुनूं। राजस्थान के झुंझनूं जिले के चिड़ावा तहसील में एक उपभोक्ता विवाद ने एक मशहूर ऑनलाइन कंपनी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी पर 52,500 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह मामला उस समय शुरू हुआ जब संदीप जांगिड़ ने 19 अगस्त 2023 को एक वॉटर प्यूरीफायर ऑर्डर किया और एडवांस में 1,499 रुपये का भुगतान किया।
कंपनी ने कहा, ऑर्डर गुम हो गया, पैसे वापस ले लो
जब 26 अगस्त तक ऑर्डर नहीं आया, तो संदीप ने कंपनी के कस्टमर केयर से संपर्क किया। कंपनी ने उन्हें बताया कि उनका ऑर्डर "गुम" हो गया है और वे पैसे वापस ले सकते हैं। लेकिन संदीप ने पैसे वापस लेने से मना करते हुए कंपनी पर जोर दिया कि उन्हें सामान चाहिए, न कि पैसा। इस पर कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि उनके पास बहुत सारे ऑर्डर होते हैं और कभी-कभी कुछ ऑर्डर गुम हो जाते हैं, जिसमें उनकी कोई गलती नहीं है।
कस्टमर ने पैसे वापस लेने के बजाय उपभोक्ता कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
इस जवाब से असंतुष्ट होकर संदीप ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में शिकायत दर्ज करवाई। आयोग ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कंपनी पर कार्रवाई की। सुनवाई के दौरान, आयोग ने कंपनी को 52,500 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया, जिसमें 45,000 रुपये मानसिक प्रताड़ना और 7,500 रुपये वकील के खर्च के रूप में शामिल हैं।
आयोग ने ऑनलाइन कंपनी पर ठोका जुर्माना, दी हिदायत
आयोग ने अपने फैसले में उल्लेख किया कि ऑनलाइन कंपनी ने 'डार्क पैटर्न' जैसी गलत विधियों का उपयोग किया, जो डिजिटल इंडिया की भावना के खिलाफ है। कंपनी ने कोर्ट में अपनी रक्षा करते हुए कहा कि वे केवल एक मध्यस्थ हैं और सामान बेचने वाली कंपनी अलग है, इसलिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती। हालांकि, आयोग ने इस तर्क को खारिज कर दिया और कंपनी की अनियमितताओं को गंभीरता से लिया। इस फैसले ने उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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