सार

बजट के दिन घोषणाओं का पिटारा खोलने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने कल बजट बहस के दौरान भी प्रदेश को कई सौगातें दी है। फिर चाहे बात युवाओं के लिए 1 लाख नौकरियों की हो या फिर एजुकेशन की। सीएम ने बजट बहस में कोशिश की है कि जनता को ज्यादा से ज्यादा राहत मिले।

 

जयपुर (jaipur). सीएम ने भले ही बजट में भले ही कितनी ही घोषणा ही क्यों ना कर दी हो लेकिन उनकी एक योजना ऐसी है। जिससे सीएम चाहे तो अभी शुरु कर सकते हैं लेकिन सीएम उसे जानबूझकर चुनावों के आसपास आचार संहिता लगने से पहले शुरू करेंगे। हम बात कर रहे हैं राजस्थान में एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं को स्मार्टफोन देने की।

इस समय बटेंगे महिलाओं को स्मार्टफोन

फिलहाल सरकार इस बारे में कहना है कि चिप का प्रोडक्शन नहीं होने के चलते मोबाइल वितरण में देरी हो रही है। लेकिन जानकारों की माने तो ऐसा कुछ नहीं है। सरकार के सलाहकारों का मानना है कि डिजिटल प्रचार में भारतीय जनता पार्टी आज भी ज्यादा मजबूत है पढ़ विराट ऐसे में यदि राजस्थान की जनता को अभी स्मार्टफोन बांट दिए जाते हैं तो फायदा भाजपा को ही मिलने वाला है। ऐसे में सीएम आचार संहिता लगने के करीब 1 से डेढ़ महीने पहले राजस्थान में इस योजना के तहत मोबाइल बांट सकते हैं।

आचार संहिता से पहले कर सकते है ये घोषणा

वही दूसरी घोषणा है राजस्थान में नए जिले बनाने और सीकर को संभाग बनाने की। बताया जा रहा है कि सीएम इसे भी चुनाव के आसपास आचार संहिता पहले से ही कर पाएंगे क्योंकि यह घोषणा राजस्थान में पार्टी में फूट का कारण भी बन सकती है क्योंकि राजस्थान में ब्यावर,बालोतरा,फलोदी, नीमकाथाना,कुचामन, कोटपुतली सहित करीब 12 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें जिला बनाने के लिए पिछले करीब 10 से 15 सालों से मांग चली आ रही है। यहां तक कि बाड़मेर के बालोतरा विधायक मदन प्रजापत बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर पिछले 1 साल से नंगे पैर ही चल रहे हैं।

विधायक पार्टी से न हो नाराज, इसलिए नहीं बने जिले

लेकिन जानकारों की माने तो उसे भी सरकार चुनावों के पहले राजस्थान में नए जिले बनाने की घोषणा कर सकती है क्योंकि राजस्थान में केवल 6 जिले ही बने हैं जबकि मांग 1 दर्जन जिले बनाने की हो रही है। ऐसे में अब माना जा रहा है कि जिन विधायकों के एरिया को जिला नहीं बनाया जाएगा वह पार्टी के खिलाफत में जा सकते हैं। ऐसे में सरकार ने अभी इस पर निर्णय नहीं लिया है। वही सीकर को संभाग बनाने की मांग को लेकर भी अभी सीएम ने कोई घोषणा नहीं की है क्योंकि इससे पार्टी के बाकी नेताओं में मैसेज आएगा कि सीएम ने पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर के अलावा और किसी पर ध्यान नहीं दिया।

सीएम ने नए जिले बनाने की बात पर बजट में कहा था कि अभी इस पर कमेटी बनाई हुई है। जो रिपोर्ट देगी उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि राजस्थान में मई के करीब मोबाइल फोन देने और नए जिले बनाने की घोषणा होगी।

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