सार
राजस्थान में सीएम गहलोत ने 19 नए जिलों की घोषणा कर दी है। इसके चलते सबसे बड़ा बदलाव राजधानी जयपुर में होने वाला है। क्योंकि इसको 4 भागों में बांटा जाएगा। इससे बड़ा नुकसान शहर की जनता को होगा क्योंकि 60 लाख से अधिक लोगों को अपने डॉक्यूमेंट चेंज होंगे।
जयपुर (jaipur news). हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में 19 नए जिले और तीन संभाग की घोषणा कर दी। इसमें सबसे बड़ा बदलाव हुआ है राजधानी जयपुर में। जहां अब जयपुर को हटाकर उसे चार भागों में विभाजित किया जाएगा। लेकिन उससे सबसे बड़ा नुकसान यह हुआ है कि राजधानी जयपुर में रहने वाले करीब 66 लाख लोगों को अपने डाक्यूमेंट्स में बदलाव करवाना होगा। यह काम इतना आसान नहीं है। इसमें करीब 1 से डेढ़ साल का समय लगेगा। अब समझे किन डॉक्यूमेंट में चेंज होने पर लगेगा कितना टाइम लगेगा।
इन इन डॉक्यूमेंट में करवाने होंगे परिवर्तन, लगेगा इतना समय
सबसे पहले बात यूनिक आईडी कार्ड आधार कार्ड की। आधार कार्ड में अपडेशन आधार सेवा केंद्र के जरिए ही होता है। अपडेशन करवाने के बाद उसे आधार कार्ड में अपडेट होने में करीब 10 से 15 दिन का समय लगता है। इसके बाद बात आती है वोटर आईडी कार्ड की। राजस्थान में इस साल ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही रहेगी कि आखिरकार इतने कम महीनों में वह इन लोगों के वोटर आईडी कार्ड में एड्रेस में बदलाव कैसे करें। हालांकि बताया जा रहा है कि सरकार इसे अपडेट करने के लिए एक से डेढ़ महीने तक अलग से शिविर लगाएगी। अब बात आती है जन आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस की। जन आधार कार्ड को अपडेट होने में भी करीब 10 से 15 दिन का समय लगता है। जबकि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार कार्ड का अपडेट होना जरूरी है। वही बात करें यदि पासपोर्ट की तो इसमें बदलाव होना बेहद मुश्किल है इसमें महीनों का समय भी कई बार लग जाता है।
लोगों को होगी खासी मशक्कत
राजस्थानी जयपुर के 4 नए जिले बनने के बाद अब चारों जिलों में अलग-अलग कलेक्टर बैठेंगे। ऐसे में वर्तमान कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ही जयपुर की आखिरी कलेक्टर होंगे। वही डाक्यूमेंट्स में बदलाव की बात करें तो एक्सपर्ट्स का कहना है कि विभाजन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लोगों के परमानेंट एड्रेस में बदलाव होगा। जरूरी दस्तावेजों में भी बदलाव होना जरूरी है हालांकि यह डिसीजन सरकार के चलते हुआ है तो ऐसे लोगों को इसके लिए खुद ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। सरकार को भी इस बारे में लोगों को जागृत करेगी और अलग से कैंप लगा सकती है।
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