सार

राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर स्थित अंबाजी मंदिर में मुंबई के दो भक्तों ने गुप्त रूप से 1.21 करोड़ का सोना दान किया है। यह सोना मंदिर के स्वर्ण शिखर में लगाया जाएगा।

चित्तोड़गढ़. राजस्थान के मंदिर हमेशा से चढ़ावे के मामले में सुर्खियों में रहते हैं। फिर चाहे वह सांवलिया सेठ का मंदिर हो या फिर श्रीनाथजी का मंदिर। इस बार राजस्थान और गुजरात बॉर्डर पर बना अंबाजी का मंदिर सुर्खियों में है। क्योंकि यहां पर मुंबई के दो भक्तों के द्वारा 1.21 करोड रुपए का गुप्त सोना दान किया गया है। अब यह सोना मंदिर के स्वर्ण शिखर में उपयोग में लिया जाएगा।

दोनों भक्त मुंबई के रहने वाले

मंदिर ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार दोनों भक्त महाराष्ट्र के मुंबई के रहने वाले हैं। जिन्होंने अपना नाम गुप्त रखा है। इनमें एक भक्त के द्वारा करीब 1 किलो सोना दान किया गया जिसकी कीमत करीब 80 लाख रुपए और दूसरे भक्त के द्वारा करीब 520 ग्राम सोना दान किया गया जिसकी कीमत करीब 41.34 लाख है। इस दान को देवस्थान ट्रस्ट के द्वारा स्वीकार कर लिया गया है।

सूर्य की रोशनी में यह गजब चमकता है

मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि मंदिर में स्वर्ण शिखर का काम लगातार चल रहा है। अब दोनों भक्तों के द्वारा दिए गए इस सोने का उपयोग भी इसी में किया जाएगा। वर्तमान में भी इस पर काफी सोना लगाया जा चुका है। सूर्य की रोशनी में यह सोना चमकता हुआ नजर आता है।

विदेशों से इस मंदिर में दर्शन करने आते हैं भक्त

बॉर्डर पर स्थित होने के चलते केवल राजस्थान ही नहीं बल्कि गुजरात के भी हजारों भक्त अंबाजी में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। यदि आप राजस्थान से यहां जाना चाहते हैं तो आपको सड़क या ट्रेन के जरिए आबू रोड आना होगा। जहां से इस मंदिर की दूरी करीब 17 किलोमीटर है। इस मंदिर के पास ही कोटेश्वर महादेव का मंदिर भी स्थित है।आपको बता दें कि राजस्थान और गुजरात के बॉर्डर इलाकों में आज भी लोगों का मुख्य रोजगार ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ा है। ऐसे में यह लोग व्यापार में अच्छा मुनाफा होने पर भगवान को चढ़ावा चढ़ाते हैं।

 

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