सार

Guru Purnima 2023: कोई कितनी ही बड़ी कामयाबी हासिल क्यों नहीं कर ले, हर सफल इंसान के पीछे उसके गुरू का आशीर्वाद होता है। खेल हो या रानजीति-बॉलीवुड सफलता के मंत्र उनके गुरू ही बताते हैं। गुरु पूर्णिमा के मौके पर जानिए सीएम अशोक गहलोत के गुरू कौन थे।

 

जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजनीति का जादूगर कहा जाता है। वह शह और मात दोनों में ही माहिर माने जाते हैं। एक तरफ वह बेहद आक्रमक तरीके से अपने विरोधियों पर निशाना साधते हैं तो दूसरी ओर चाणक्य नीती का इस्तेमाल कर सत्ता बचाने में होशियार हैं। आज गुरु पूर्णिमा के मौके पर बताने जा रहे हैं सीएम अशोक गहलोत के गुरू के बारे में जिन्होंने आध्यात्मिक से लेकर राजनीति की एबीसीडी सिखाई। हालांकि वर्तमान में वह इस दुनिया में नहीं है, लेकिन गहलोत उनको हर दिन उन्हें याद करते हैं ।

मध्य प्रदेश के रहने वाले थे सीएम अशोक गहलोत के गुरू

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुरु का नाम था एसएन सुब्बाराव , देश की राजनीति में बड़ा नाम रखने वाले सुबाराम 2021 में शांत हो गए थे।  वह जयपुर की यात्रा पर थे और जयपुर में ही उन्होंने अंतिम सांस ली थी।  92 साल की उम्र में उनका निधन हुआ । उसके बाद मध्यप्रदेश में उनका उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया गया। जयपुर में जब उनकी पार्थिव देह को कांग्रेस कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान के तमाम बड़े राजनेता वहां पहुंचे।

गहलोत बोले-मैंने गुरू से सबकुछ सीखा, उनके पद चिन्हों पर जीवनभर चलूंगा

गहलोत कई बार कह चुके हैं कि दिवंगत सुब्बाराव मेरे राजनीतिक गुरु रहे हैं । गांधीवादी विचारधारा मैंने उनसे ही सीखी और इसी को अपने जीवन का उद्देश्य बनाकर आज मैं यहां तक पहुंचा हूं।  मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि उनके पद चिन्हों पर चलना मेरे लिए बड़ी बात है और मैं इसे ही फॉलो करता रहा हूं । जब सुबाराव के निधन हुआ था तो सीएम गहलोत ने कहा था कि यह मेरे लिए निजी क्षति है और इसकी भरपाई मैं जीवन भर नहीं कर पाऊंगा ।

महात्मा गांधी से प्रेरित थे गहलोत के गुरु एसएन सुबाराव

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत गांधीवादी विचारधारा को अपनाकर राजनीति करने वाले नेता है,  कहा जाता है कि एसएन सुबाराव दुनिया के सबसे बड़े गांधीवादी नेता महात्मा गांधी से प्रेरित थे।  सुबाराम जब बड़े पदों पर रहे तो उन्होंने मध्यप्रदेश और राजस्थान के चंबल बीहड़ों के 600 से भी ज्यादा डकैतों को सरेंडर करवाया था इन डकैतों में कई बहुत बड़े नाम भी शामिल थे । उन्होंने अपनी गांधीवादी विचारों के आधार पर ही तमाम डकैतों को हथियार रखने पर मजबूर कर दिया था । आज भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यालय में दिवंगत एसएन सुब्बाराव के चित्र लगे हुए हैं ।

गहलोत के गुरु के आगे 600 डकैतों ने किया था सरेंडर

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुरु दिवंगत एसएन सुबाराव के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने 1972 में गांधी सेवा आश्रम की नींव रखी थी और उसके बाद यह आश्रम देशभर में चर्चित हुआ। इस आश्रम से जुड़े हुए कई लोग बड़े पदों पर पहुंचे। 1972 में ही उन्होंने देश का सबसे बड़ा अभियान चलाया था। डकैतों के आत्मसमर्पण के लिए । उनके विचारों से प्रभावित होकर 654 डकैतों ने आत्मसमर्पण कर दिया था और सुबाराव के सामने हथियार डाल दिए थे । यह डकैत हत्याओं और डकैती की बड़ी वारदातों में वांछित रहे थे । सुबाराव  के लिए कहा जाता है कि उन्होंने कभी भी गांधीवादी विचारों को नहीं त्यागा ।

गहलोत अपने गुरु के स्टाइल में ही पहने हैं कपड़े-वैसी ही लगाते टोपी

उन्हीं के नक्शे कदम पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चल रहे हैं। हमेशा सफेद कुर्ता , पायजामा और गांधीवादी टोपी में दिखने वाले अशोक गहलोत चुपके से राजनीति करने वाले नेता हैं और बड़े-बड़े धुर विरोधियों को धूल चटा चुके हैं । हाल ही में देश के सबसे बड़े नेता यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीति को प्रणाम कर चुके हैं। राजस्थान मैं एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रधानमंत्री ने कहा था कि उनकी राजनीति मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राजनीति के आगे छोटी है।