सार
उदयपुर न्यूज। उदयपुर में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर घुमंतू जातियों के लोगों को रियायती दर पर जमीन का वितरण किया जाएगा। यह पहल पंचायती राज विभाग द्वारा की जा रही है, जिसमें जिला परिषद को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य इन समुदायों को स्थायी निवास की सुविधा प्रदान करना है।
सरकार ने 1991 की जनगणना के आधार पर जमीन के रियायती दर निर्धारित किए हैं। गांव की जनसंख्या के अनुसार, 1000 से कम जनसंख्या वाले गांवों में जमीन की दर 2 रुपए प्रति मीटर, 1001 से 1999 की जनसंख्या वाले गांवों में 5 रुपए प्रति मीटर, और 2000 से अधिक जनसंख्या वाले गांवों में 10 रुपए प्रति मीटर रहेगी। इस प्रकार, 300 गज तक की जमीन दी जाएगी, जिसकी कीमत 222 रुपए से लेकर 1111 रुपए तक हो सकती है। उल्लेखनीय है की जमीन के दाम इतने कम है जितने में गोलगप्पे भी ना आए। जयपुर, जोधपुर जैसे बड़े शहरों में₹10 के तीन से लेकर चार गोलगप्पे बेचे जाते हैं। इस हिसाब से एक की कीमत ₹2.50 रुपए बनती है। जबकि सरकार सिर्फ ₹2 मीटर के हिसाब से जमीन दे रही है, वह भी सपनों के शहर यानी जिलों की नगरी उदयपुर में।
उदयपुर में जमीन लेने के लिए करने होंगे ये काम
यदि किसी व्यक्ति के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है तो पंचायत की सहायता से उसे प्राप्त किया जा सकेगा। संबंधित तहसीलदार या एसडीएम को सिफारिश पत्र लिखा जाएगा। यह सुनिश्चित किया गया है कि पात्र व्यक्तियों को आबादी क्षेत्र के निकट जमीन दी जाए। उदयपुर जिले में अब तक 300 से अधिक लोगों ने आवेदन किया है और आगामी 2 अक्टूबर तक और आवेदन आने की संभावना है।
घुमंतू जातियों को होगा सुरक्षा का अहसास
यह योजना न केवल घुमंतू जातियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, बल्कि यह उन्हें स्थायी निवास और सुरक्षा का अहसास भी कराएगी। पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि वे आवेदनकर्ताओं से शीघ्रता से आवेदन लें, ताकि इस प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जा सके।
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