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रामलला की प्राण प्रतिष्ठाः राम राज की तरह सज रही अयोध्या, एंट्री करते ही सनातन कल्चर के रंग में डूबेंगे श्रद्धालु
अयोध्या। लंका विजय के बाद भगवान राम के लौटने की खुशी में जिस तरह अयोध्या को सजाया गया था। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए रामनगरी को उसी तर्ज पर संवारा जा रहा है।
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धर्म पथ पर जगमगा रहें सूर्य स्तंभ
लखनऊ-गोरखपुर हाईवे से अयोध्या में एंट्री करते ही रामनगरी में युद्ध स्तर पर चल रहे निर्माण कार्य दिखने लगते हैं। साकेत पेट्रोल पंप से लेकर लता मंगेशकर चौक तक सड़क को धर्म पथ के रूप में विकसित किया जा रहा है। करीबन 2 किलोमीटर का यह मार्ग पहले दो लेन का था। जिसे अब फोर लेन में तब्दील कर दिया गया है। डीएम नीतीश कुमार के मुताबिक, 30 जगहों पर एक समान दूरी पर सूर्य स्तंभ लगाए जा रहे हैं।
टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजेंगी दीवारें
सड़कों के किनारे लग रहे सूर्य स्तंभ भगवान राम के सूर्यवंशी होने के प्रतीक को दर्शाते हैं। जिला प्रशासन के मुताबिक, धर्म पथ के सड़कों के किनारों पर दीवार बन रही है। जिस पर रामायण काल के प्रसंगों को दर्शाया जाएगा। दीवारें टेराकोटा फाइन क्ले म्यूरल कलाकृतियों से सजी होंगी। रामचरित मानस में तुलसीदास ने कहा है कि लंका विजय के बाद भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन पर अयोध्या सजाई गई थी, लोगों में उल्लास था। ठीक उसी तरह 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के पहले पूरे अयोध्या को सजाया संवारा जा रहा है।
लता मंगेशकर चौक पर 40 फीट लंबी वीणा
धर्मपथ से आगे लता मंगेशकर चौक पर बनी 40 फीट लंबी वीणा लोगों को अट्रैक्ट करती है। पहले इस चौराहे का नाम नया घाट था। प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर की स्मृति में इस चौराहे का नामकरण किया गया है। चौराहे को 100 फीट तक चौड़ा किया गया है।
एक ही डिजाइन और रंग में रंगे भवन
नयाघाट से सहादतगंज तक जाने वाली सड़क को रामपथ नाम दिया गया है। यह सड़क 13 किलोमीटर लंबी है। जिला प्रशासन के अधिकारी कहते हैं कि पहले यह सड़क दो लेन की थी। अब उसकी जगह 40 फीट चौड़ी सड़क बनाई गई है। सड़क के दोनों किनारों पर मौजूद प्रतिष्ठानों, भवनों व दुकानों को एक ही डिजाइन और रंग में रंगा जा रहा है। डिवाइडर पर पौधे लगाए जा रहे हैं। बस स्टॉप भी बन रहे हैं।
सड़क की दीवारों पर जीवंत होंगे रामायण काल के प्रसंग
राममंदिर के मुख्य प्रवेश मार्ग को श्रीराम जन्मभूमि पथ के रूप में डेवलप किया जा रहा है। 90 फीट चौड़े मार्ग पर लाइटिंग और केनोपी बनाने का काम हो रहा है। श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। रास्ते के दोनों किनारों की दीवारों पर रामायण काल के प्रसंगों की कलाकृतियों से सजी होंगी।
पुरातन महत्व के प्रतीकों से सजाई जा रही अयोध्या
रामनगरी के प्राचीन कुंड पौराणिक प्रसंगों की गवाह है। उन्हें भी सजाया जा रहा है। जिला प्रशासन के अनुसार, नयाघाट स्थित रामकथा संग्रहालय का सुंदरीकरण कराया जा रहा है। ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही राम की पैड़ी की सफाई की गई है। पंपिंग स्टेशनों की कैपेसिटी बढ़ाई गई है। हर शाम को लेजर शो के जरिए राम कथा की प्रस्तुति होती है। रामनगरी के 37 प्राचीन मंदिरों का भी पुनरुद्धार हो रहा है। अयोध्या को पुरातन महत्व के प्रतीकों से सजाया जा रहा है। ताकि श्रद्धालुओं को अयोध्या में एंट्री करते ही राम राज का एहसास हो।