सार
Success Story: आयुष राजपूत ने मेहनत और लगन से वो कर दिखाया जो कई लोगों के लिए सिर्फ सपना होता है। उन्होंने SSC CGL परीक्षा के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित किया और प्रवर्तन निदेशालय (ED) में अफसर बनकर गांव का नाम रोशन किया है।
Success Story: जब जिंदगी चुनौतियों से भरी हो और रास्ते आसान न हों, तब मेहनत इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है। ऐसे ही एक सपने को हकीकत में बदलने की मिसाल बने हैं आयुष राजपूत, जिन्होंने अपने हौसलों से वो कर दिखाया जो आज उनके गांव ही नहीं, पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। खेतों में अपने पिता के साथ काम करने वाले आयुष ने कभी हालात को अपनी राह का रोड़ा नहीं बनने दिया।
किसान का बेटा बना ED अफसर
आयुष के पिता किसान हैं और गांव में खेती करते हैं। आयुष दिन में अपने पिता की मदद करता और रात में पढ़ाई करता था। मीडिया से बात करते हुए आयुष ने बताया कि उन्होंने बताया कि SSC CGL परीक्षा की तैयारी के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया था। पहले उन्होंने अपनी SSC CGL परीक्षा की तैयारी के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित कर दिया था।
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साइकल से तय करता था 15 किलोमीटर का सफर
उनकी मेहनत का परिणाम ये रहा कि उनका चयन भारत सरकार की प्रतिष्ठित संस्था प्रवर्तन निदेशालय (ED) में सहायक प्रवर्तन अधिकारी के पद पर हुआ है।आयुष ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा SD इंटर कॉलेज पाहला से की। इसके बाद उसने रामकृष्ण महाविद्यालय रानूखेड़ा से बीएससी की डिग्री ली। पढ़ाई के लिए आयुष रोज 15 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय करते थे। यह केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि उनके संघर्ष और मेहनत का प्रमाण है।