सार

मौनी अमावस्या की भगदड़ के बाद प्रयागराज कुंभ में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है, लेकिन आस्था का सैलाब अभी भी उमड़ रहा है। जांच आयोग आज प्रयागराज पहुँच रहा है।

प्रयागराज | उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ के बाद अब हालात सामान्य हो रहे हैं। प्रशासन की ओर से भीड़ नियंत्रण के लिए किए गए नए इंतजामों का असर दिखने लगा है। श्रद्धालुओं की संख्या में कुछ कमी आई है, जिससे अब संगम तट पर स्नान करना पहले की तुलना में आसान हो गया है।

महाकुंभ के 18 दिनों में अब तक 27 करोड़ 58 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान कर चुके हैं। आज 19वें दिन भी कल्पवासियों और श्रद्धालुओं का संगम में आस्था की डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है। वहीं, भगदड़ की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग आज प्रयागराज पहुंच रहा है।

भगदड़ की जांच के लिए गठित आयोग एक महीने में सौंपेगा रिपोर्ट

महाकुंभ में भगदड़ की घटना के कारणों की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया गया है, जो घटना के कारणों का पता लगाने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों पर भी रिपोर्ट तैयार करेगा।

आयोग का नेतृत्व पूर्व न्यायाधीश हर्ष कुमार कर रहे हैं। उनके साथ पूर्व आईएएस अधिकारी डीके सिंह और पूर्व आईपीएस अधिकारी वीके गुप्ता सदस्य के रूप में शामिल हैं। इस आयोग को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपनी होगी।

मेला क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर बड़े बदलाव

महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार ने मेला क्षेत्र का दौरा किया और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। प्रशासन की अगली बड़ी चुनौती 5 फरवरी को बसंत पंचमी के अमृत स्नान को लेकर है।

यह भी पढ़ें : योगी ने शहीदों को दी श्रद्धांजलि, गोमती तट पर भक्तिमय माहौल

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं:

  • मेला क्षेत्र को पूरी तरह नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया। अब 5 फरवरी तक चार पहिया वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है।
  • वीआईपी पास रद्द कर दिए गए हैं। अब किसी भी श्रद्धालु या अधिकारी को विशेष प्रोटोकॉल नहीं मिलेगा।
  • केवल पैदल यात्रियों को प्रवेश की अनुमति है। पॉन्टून पुल को भी सिर्फ पैदल यात्रियों के लिए रखा गया है।
  • मेला क्षेत्र के सभी रास्तों को वन-वे कर दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं की आवाजाही नियंत्रित रहे।
  • स्नान घाटों पर भीड़ को नियंत्रित करने के लिए श्रद्धालुओं को अधिक समय तक रुकने की अनुमति नहीं दी जा रही।
  • बैरिकेडिंग को और मजबूत किया गया है ताकि गलत रास्तों से श्रद्धालु बाहर न निकल सकें।

रेलवे और ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार

प्रशासन के सख्त नियमों के कारण इस बार मेला क्षेत्र में ट्रैफिक नियंत्रण बेहतर हुआ है। रेलवे ने भी कुंभ स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ा दी है, जिससे श्रद्धालुओं को कम परेशानी हो रही है। प्रयागराज के 5 प्रमुख रेलवे स्टेशनों से कुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।

श्रद्धालुओं का उत्साह बरकरार

हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है, लेकिन महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह पर कोई असर नहीं पड़ा है। लाखों की संख्या में श्रद्धालु अब भी संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं।

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025: VIP स्नान पर योगी सरकार का बड़ा फैसला! अनुभव बनेगा यादगार