सार
केंद्र के द्वारा बिजली के बिल पर जीएसटी लगाने की तैयारी की जा रही है। हालांकि कई राज्यों के द्वारा इस प्रस्ताव का विरोध किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
लखनऊ: केंद्र सरकार के द्वारा बिजली उपभोक्ताओं से जीएसटी वसूलने की तैयारी की जा रही है। इस कड़ी में शुरुआत में कॉमर्शियल और इंडस्ट्री के उपभोक्ताओं से जीएसटी वसूलने की योजना है। माना जा रहा है कि इसके बाद आगे की रणनीति भी बनाई जाएगी। हालांकि इस मामले में यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने पीएम को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में जीएसटी लगाने से बिजली महंगी होने की आशंका को जताया गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ज्यादातर राज्यों ने जताया विरोध
गौरतलब है कि मौजूदा समय में बिजली उपभोक्ता जीएसटी के दायरे में नहीं हैं। हालांकि केंद्र सरकार के द्वारा अब बिजली उपभोक्ताओं से भी जीएसटी वसूलने की प्लानिंग की जा रही है। इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने से पहले राज्यों की राय को भी जानने का प्रयास किया गया इसके लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस बीच ज्यादातर राज्यों के द्वारा इसका विरोध किया गया। उनका कहना था कि जीएसटी से बिजली और भी महंगी हो जाएगी। ज्ञात हो कि पहले ही 5 से 7.5 फीसदी इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तौर पर उपभोक्ताओं से वसूल किया जा रहा है।
उपभोक्ता परिषद ने कहा उपभोक्ताओं पर बढ़ेगा अतिरिक्त बोझ
रिपोर्टस में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यूपी सरकार ने भी इस मसले पर असहमति जताई है। उपभोक्ताओं के हितों का ख्याल रखते हुए किसानों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का सुझाव भी दिया गया है। वहीं आंकड़ों का जिक्र करते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के द्वारा जानकारी दी गई कि प्रत्येक वर्ष तकरीबन 3032 करोड़ रुपए की वसूली इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के तौर पर उपभोक्ताओं से की जाती है। ऐसे में यदि जीएसटी भी लगाई जाती है तो इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को ही झेलाना पड़ेगा और उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ की भी वृद्धि होगी।