सार
एनआइए-एटीएस कोर्ट ने 7 आतंकियों को फांसी की सजा सुनाई है। वहीं मामले में 1 आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने सोमवार को ही मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था।
लखनऊ: आइएसआइएस के खुरासान माड्यूल से जुड़े हुए 7 आतंकियों को एनआइए/एटीएस की विशेष अदालत ने मंगलवार की देर शाम को फांसी की सजा सुनाई। इसी के साथ 1 आतंकी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। आपको बता दें कि बम विस्फोट की साजिश रचने के मामले में 8 आतंकी मो. फैसल, गौस मोहम्मद खान, मो. अजहर, आतिक मुज्जफर, मो. दानिश, सैय्यद मीर हसन, आसिफ इकबाल और मो. आतिफ दोषी पाए गए थे। इन सभी के द्वारा अलग-अलग शहरों को दहलाने की कोशिश की जा रही थी। इसी कड़ी में इन पर कानपुर-उन्नाव रेलवे ट्रैक पर बम रखने का भी आरोप है।
एक दिन पहले ही सुरक्षित रख लिया गया था फैसला
आपको बता दें कि इन आतंकियों की सजा का फैसला विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी की ओर से एक दिन पहले ही सुरक्षित कर लिया गया था। मंगलवार को यह सभी एक बार फिर से कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाए गए। देर शाम इन सभी को सजा सुनाई गई। सजा सुनाए जाने के बाद एडीजीसी ललित कुमार दीक्षित ने बताया कि मो. फैसल, गौस मोहम्मद खान, मो. अजहर, अतिफ मुज्जफर, मो. दानिश, सैय्यद मीर हसन, आसिफ इकबाल उर्फ राकी को फांसी की सजा दी गई है। जबकि मो. आतिफ इरानी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
30 दिनों के भीतर कर सकेंगे अपील
दरअसल आतिफ का अपराध अन्य आतंकियों की तरह से जघन्य नहीं पाया गया। इसी के चलते उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अन्य दोषियों को कोर्ट ने देश विरुद्ध युद्ध का प्रयत्न करने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई है। फांसी की सजा की पुष्टि के लिए मामले की समस्त पत्रावलियों को अविलंब हाईकोर्ट के पास भेजने के लिए भी कहा। इस बीच आतंकी 30 दिनों के भीतर निर्णय के खिलाफ अपील भी कर सकते हैं। आपको बता दें कि 8 मार्च 2017 को मामले में थाना एटीएस में एफआईआर दर्ज हुई थी। मामले में गिरफ्तार आतंकियों के पास से कई असलहे बरामद हुए थे। आतंकियों के पास से आइएसआइएस का झंडा, 8 पिस्टल, 4 चाकू, 630 कारतूस, 62 खोखा, सोने के सिक्के, नकद रुपए, विदेशी मुद्रा, चेक, पासपोर्ट समेत अन्य चीजे बरामद हुई थीं।
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