सार

यूपी विधानसभा में अखिलेश यादव ने बजट को दिशाहीन बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट में वर्तमान की समस्याओं का कोई निराकरण नहीं है। इसी के साथ भविष्य का कोई रास्ता भी नहीं है।

लखनऊ: यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि यूपी की स्थिति अभी भी कई पैरामीटर्स में सुधरी नहीं है। उन्होंने कहा कि नीति आयोग 2020-21 में यूपी की रैंकिंग का जिक्र किया। इसी के साथ उन्होंने कहा कि यूपी 2023-24 का बजट दिशाहीन है। इसमें वर्तमान की समस्याओं का कोई निस्तारण नहीं है और न ही भविष्य का रास्ता है। डबल इंजन की सरकार ने किसानों को आय दोगुनी का वादा किया था लेकिन इसका कोई भविष्य नहीं है। कोई रोजगार का अवसर भी दिखाई नहीं दे रहा है।

यूपी सरकार से माफियाओं की लिस्ट जारी करने की हुई अपील

अखिलेश यादव ने कहा कि सबका साथ सबका विकास या रामराज्य बिना समाजवाद के संभव नहीं है। सरकार इन्वेस्टमेंट का सपना देख रही है। इस बार 33 लाख करोड़ के 19 हजार के लगभग एमओयू किए गए हैं। जहां पर इन्वेस्टमेंट मीट हुई वहां 20 दिनों से सफाई नहीं हुई और जो भी सजावट हुई थी वह सब समाप्त हो चुकी है।अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री माफियाओं को मिट्टी में मिलाने का दावा करते हैं लेकिन वह पहले इसकी सूची दें, जिससे जानकारी लग सके की माफिया कौन लोग हैं? प्रदेश की जनता भी जानना चाहती है कि सरकार पीछे क्यों हट रही है। इस बीच उन्होंने यूपी देश को प्रधानमंत्री देता है, लोकसभा चुनाव के लिहाज से यूपी बड़ा प्रदेश है।

'अगर आप परंपराओं पर चलना चाहते हैं तो यह परंपरा आपको छोड़नी पड़ेगी'

आरोप लगाया गया कि भाजपा की ओऱ से बड़े विपक्षी नेताओं के खिलाफ तमाम तरह की साजिशे रच रही है। इसी कड़ी में षडयंत्र करके ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर लोकसभा चुनाव 2024 को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है। बीजेपी महंगाई और बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों को दबाने के लिए जबरन विपक्षी नेताओं को फर्जी फंसाया जा रहा है। बीजेपी लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। अखिलेश यादव ने कहा कि 'किसी के पिता के बारे में यदि कोई बोलेगा तो स्वाभाविक है दूसरा भी बोलेगा। अगर आप परंपराओं पर चलना चाहते हैं तो स्वाभाविक है यह परंपरा आपको छोड़नी होगी। अगर परंपराओं पर बात होगी तो आपने भी बहुत सी रीति रिवाज नहीं मानी। वो ठीक नहीं लगेगा अगर में कहूं क्योंकि ऐसी शिक्षा मुझे नेताजी ने नहीं दी।'

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