सार

आगरा की एक महिला वकील ने तीन अमीर पुरुषों से शादी करके उन्हें लाखों रुपये की चपत लगाई। मैट्रिमोनियल साइट्स के जरिए शिकार ढूंढने वाली इस महिला को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

आगरा, उत्तरप्रदेश | क्या आपने कभी सोचा था कि शादी केवल एक रिश्ते का नाम नहीं, बल्कि ठगी का एक जाल भी हो सकता है? उत्तर प्रदेश के आगरा में एक ऐसी ही दिलचस्प और चौंकाने वाली कहानी सामने आई है। जहां एक महिला ने अपने वकील होने का फायदा उठाकर तीन अमीर पुरुषों से शादी की और फिर उन्हें अपनी चालाकियों से ठग लिया। जयपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार की गई सीमा अग्रवाल उर्फ निक्की अग्रवाल ने पहले तो अपने पतियों को अपनी प्यारी छवि से फंसाया, फिर एक के बाद एक उन्हें मोटी रकम की मांग करके उनकी जिंदगी को नर्क बना दिया।

कौन है शातिर सीमा अग्रवाल उर्फ निक्की

सीमा अग्रवाल उर्फ निक्की अग्रवाल एक वकील है और उसने अपने शातिर दिमाग से तीन अलग-अलग अमीर पुरुषों से शादी की। पहला शिकार था आगरा का एक व्यवसायी, जिसे उसने मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर शादी के लिए आकर्षित किया। दोनों की शादी के कुछ दिनों बाद ही सीमा ने झूठे आरोपों का सिलसिला शुरू कर दिया। उसने पति और उसके परिवार को परेशान करना शुरू किया और तलाक के बदले 75 लाख रुपये की डिमांड रखी, जिसे व्यापारी ने मजबूरी में चुकाया।

लेकिन यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। सीमा ने बाद में जयपुर के एक जौहरी को अपना शिकार बनाया। जौहरी से शादी करने के बाद सीमा ने उस पर व्यापार में साझेदारी देने का दबाव डाला, साथ ही उसके खिलाफ झूठा केस भी दर्ज करवा दिया। इस बार भी सीमा ने बड़ी रकम की मांग की, लेकिन कानून की लापरवाही का सामना करते हुए वह खुद पकड़ी गई और गिरफ्तार कर ली गई।

ठगी की यही पुरानी साजिश

पुलिस ने बताया कि सीमा का तरीका हर बार एक जैसा था। वह पहले मैट्रिमोनियल वेबसाइट के माध्यम से अमीर पुरुषों से शादी करती, फिर उन्हें झूठे आरोपों में फंसा कर मोटी रकम वसूलती थी। दहेज उत्पीड़न, अप्राकृतिक यौन शोषण जैसे गंभीर आरोपों का इस्तेमाल वह हमेशा अपने लाभ के लिए करती थी। हालांकि, इस बार सीमा की चालाकी उसकी गिरफ्तारी का कारण बनी।

सीमा अग्रवाल को जयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीमा की ठगी का इतिहास पुराना है। वह पहले भी गुड़गांव के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को फंसा चुकी थी। वहां भी शादी के बाद उसने रकम की डिमांड की थी। हालांकि, उस मामले में इंजीनियर निर्दोष साबित हुआ, लेकिन सीमा को समझौते के तहत 10 लाख रुपये देने पड़े थे।

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