सार

प्रयागराज महाकुंभ 2025 में छोटे व्यापारी डिजिटल इंडिया का हिस्सा बन रहे हैं। गूगल पे, फोन पे जैसे माध्यमों से भुगतान कर, वे अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं और डिजिटल क्रांति में योगदान दे रहे हैं।

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 इस धार्मिक आयोजन में हर बार लाखों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन इस बार एक विशेष बदलाव देखा जा रहा है। यहां छोटे व्यापारी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं और महाकुंभ के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा बन रहे हैं।

महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए चाय, चुरमुरा, चायनीज स्नैक्स और स्ट्रीट फूड की दुकानों पर व्यापारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। राजस्थान से चाय बेचने वाले, गाजीपुर से चुरमुरा बेचने वाले और अन्य स्थानीय व्यापारी संगम के पवित्र घाटों पर अपनी दुकानें लगाए हुए हैं। इन व्यापारियों के लिए महाकुंभ एक सुनहरा अवसर बनकर आया है, क्योंकि मेले की शुरुआत के साथ ही उनकी कमाई में वृद्धि हो रही है। वर्तमान में इन व्यापारियों की कमाई 1000 से 1200 रुपये तक है, लेकिन महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के साथ यह आंकड़ा और बढ़ने की उम्मीद है।

डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा बने व्यापारी

यह व्यापारियों के लिए न सिर्फ व्यापारिक अवसर है, बल्कि डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा बनने का एक मौका भी है। इन छोटे व्यापारियों ने गूगल पे, फोन पे जैसे डिजिटल भुगतान माध्यमों को अपनाया है। इससे न केवल उन्हें समय की बचत हो रही है, बल्कि यह भारत के ग्रामीण और छोटे कारोबारियों के लिए डिजिटल भारत को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक कदम है। अब ग्राहक नगद भुगतान के बजाय अपने मोबाइल फोन से डिजिटल भुगतान कर सकते हैं, जो उन्हें सरल और सुरक्षित भुगतान का विकल्प प्रदान करता है।

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व्यापारियों की संतुष्टि और डिजिटल भुगतान की बढ़ती लोकप्रियता

महाकुंभ के दौरान, डिजिटल भुगतान ने एक नई दिशा दी है। व्यापारी इस प्रणाली से बहुत संतुष्ट हैं और उनका मानना है कि प्रशासन द्वारा दी गई सुविधाओं के कारण उनके व्यापार में नया जोश आया है। छोटे व्यापारी समझते हैं कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह उनके व्यवसाय को प्रोत्साहित करने और उन्हें डिजिटल माध्यमों के जरिए राष्ट्र की प्रगति में योगदान देने का एक शानदार अवसर है।

भारत की प्रगति में योगदान

महाकुंभ 2025 के छोटे व्यापारियों का योगदान यह साबित करता है कि यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यापार और डिजिटल प्रगति का भी बड़ा हिस्सा बन चुका है। महाकुंभ के माध्यम से जहां लाखों श्रद्धालु पुण्य लाभ प्राप्त कर रहे हैं, वहीं छोटे व्यापारी डिजिटल माध्यमों का उपयोग कर अपनी कमाई बढ़ा रहे हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे रहे हैं।

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