सार
KGP to Yamuna Expressway connectivity: यमुना एक्सप्रेसवे अब ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। परी चौक के जाम से मिलेगी राहत, सफर होगा आसान और समय की बचत होगी।
Yamuna Expressway connectivity project : उत्तर प्रदेश में हाईवे नेटवर्क को और मज़बूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। यमुना एक्सप्रेसवे को अब जल्द ही ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (KGP) से सीधे जोड़ा जाएगा। इससे ना सिर्फ ग्रेटर नोएडा से आगरा और मथुरा तक का सफर आसान होगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर से गुजरने वाले वाहनों को भी घंटों के जाम से राहत मिलेगी।
इस कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि यात्रियों को अब परी चौक जैसे व्यस्त इंटरसेक्शन से होकर गुजरने की जरूरत नहीं होगी। यमुना एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के बीच इंटरचेंज निर्माण के लिए NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने जमीन का सर्वे पूरा कर लिया है और अब कागजी प्रक्रिया के बाद निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
कहां बनेगा इंटरचेंज? यहां जानिए लोकेशन और रूट डिटेल्स
यह इंटरचेंज यमुना एक्सप्रेसवे के ज़ीरो प्वाइंट से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर जगनपुर-अफजलपुर क्षेत्र में बनाया जा रहा है। कुल 60 हेक्टेयर ज़मीन पर बनने वाले इस इंटरचेंज की लागत करीब 270 करोड़ रुपये है। आठ लूप्स वाले इस इंटरचेंज में चार लूप उतरने और चार लूप चढ़ने के लिए होंगे। इससे गाड़ियों को इंटरचेंज से प्रवेश या निकासी में ट्रैफिक जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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किसानों को भी मिला फायदा, मुआवज़े के साथ आबादी भूखंड आवंटित
इस परियोजना के लिए ज़रूरी ज़मीन अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है। 77 किसानों को उनकी जमीन के बदले 7% आबादी भूखंड दिए जा चुके हैं, जबकि 60 किसानों को मार्च में भूखंड आवंटित कर दिए गए थे। इंटरचेंज निर्माण में अब कोई बड़ी अड़चन नहीं बची है।
ट्रैफिक बाय-बाय! अब परी चौक का झंझट नहीं
मथुरा और आगरा की ओर से आने वाले यात्रियों को अब ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर चढ़ने के लिए लंबा 20 किलोमीटर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। इससे उनका समय और ईंधन दोनों की बचत होगी। साथ ही, दुहाई और डासना की ओर से आने वाले वाहन भी इस नए इंटरचेंज के ज़रिए सीधे यमुना एक्सप्रेसवे तक पहुंच सकेंगे।
कब से दौड़ेगी राहत की रफ्तार? जानिए निर्माण का टारगेट टाइम
इंटरचेंज का डिज़ाइन लगभग तैयार है और निर्माण कार्य इसी साल पूरा करने का लक्ष्य है। एनएचएआई ने निर्माण को प्राथमिकता दी है ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द इसका लाभ मिल सके।