सार

चीन और भारत के बीच बढ़ते सीमा विवाद और तनाव के बाद आखिरकार भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगा दिया। इसके पहले भी अप्रैल 2019 में टिकटॉक पर अश्लीलता फैलाने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद भारत सरकार ने गूगल से कहा था कि वह अपने प्लेटफॉर्म से टिकटॉक को हटा ले।

टेक डेस्क। चीन और भारत के बीच बढ़ते सीमा विवाद और तनाव के बाद आखिरकार भारत सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चाइनीज ऐप पर बैन लगा दिया। इसके पहले भी अप्रैल 2019 में टिकटॉक पर अश्लीलता फैलाने के मामले में मद्रास हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद भारत सरकार ने गूगल से कहा था कि वह अपने प्लेटफॉर्म से टिकटॉक को हटा ले। इसके बाद टिकटॉक ऐप बनाने वाली कंपनी बाइटडांस सुप्रीम कोर्ट गई थी और उसने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने और भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वह गूगल और एप्पल को अपने प्लेटफॉर्म पर फिर से ऐप उपलब्ध कराने को कहे। 

एक दिन में 5 लाख डॉलर का घाटा
उस वक्त भारत सरकार द्वारा चाइनीज वीडियो ऐप टिकटॉक पर बैन लगाने पर इस ऐप के डेवलपर बीजिंग बाइटडांस टेक्नोलॉजी कंपनी ने कहा था कि इससे रोज 5 लाख डॉलर (करीब 38,039,140 रुपए) का नुकसान उठाना पड़ेगा। कंपनी ने यह भी कहा था कि इसे 350 लोगों की जॉब जा सकती है। कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई अपनी याचिका में यह भी कहा था कि इससे भारतीय नागरिकों की संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वत्रंतता के मौलिक अधिकारों का भी हनन होगा। 

2019 में कितने थे टिकटॉक के यूजर
पिछले साल तक दुनिया भर में टिकटॉक के 1.5 अरब यूजर्स थे, जिनमें भारत पहले स्थान पर था। भारत में टिकटॉक ऐप 46.68 करोड़ बार डाउनलोड किया गया था, जो कुल आंकड़े का करीब 31 प्रतिशत है। चीन में इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर है और अमेरिका तीसरे स्थान पर। ये आंकड़े मोबाइल इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टावर के हैं। टिकटॉक ऐप को सितंबर 2017 में लॉन्च किया गया था। बहुत ही कम समय में इस ऐप के यूजर्स बहुत तेजी से बढ़े। 

पिछले 2 महीने में घटे हैं यूजर
भारत टिकटॉक का सबसे बड़ा बाजार है। इस साल की शुरुआत में दुनिया भर में टिकटॉक के डाउनलोड बढ़ कर 2 बिलियन (200 करोड़) की संख्या पार कर गए, लेकिन इसके बाद इसमें गिरावट दर्ज की जाने लगी। सेंसर टावर की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में इसका असर ज्यादा देखने को मिला। अप्रैल में इस ऐप के डाउनलोड में 34 फीसदी की गिरावट देखने को मिली, वहीं मई में 28 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। सेंसर टावर का मानना है कि भारत में करीब 90 फीसदी यूजर टिकटॉक को लेकर नकारात्मक रवैया रखते हैं। सेंसर टावर का मानना है कि इसके पीछे सोशल मीडिया पर चीन के खिलाफ भड़की भावनाएं हो सकती हैं। 

होगा बड़ा नुकसान
अगर भारत में टिकटॉक और दूसरे चाइनीज ऐप्स पर बैन जारी रहता है, तो इससे चीनी ऐप डेवलपर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। डाउनलोड घटने के बावजूद भी टिकटॉक भारत के लिए सबसे बड़ा बाजार बना हुआ था। दुनियाभर में टिकटॉक के सबसे ज्यादा यूजर्स भारत में ही हैं। भारत में यह 14 भाषाओं में उपलब्ध है और इससे लाखों की संख्या में आर्टिस्ट और परफॉर्मर्स जुड़े हुए हैं। बैन लागू रहने की स्थिति में बाइटडांस कंपनी को रोज कई लाख डॉलर का घाटा उठाना पड़ेगा।