सार

 प्रोडक्ट्स की फर्जी रिव्यू पोस्ट करने पर ई-कॉमर्स कंपनियों को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। भारत सरकार इस तरह की गलत हरकत को रोकने के लिए सख्त नियम बनाने जा रही है।

नई दिल्ली। प्रोडक्ट्स की फर्जी रिव्यू पोस्ट करने पर ई-कॉमर्स कंपनियों को भारी जुर्माना देना पड़ सकता है। भारत सरकार इस तरह की गलत हरकत को रोकने के लिए सख्त नियम बनाने जा रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार उपभोक्ता मामलों के विभाग द्वारा गठित एक समिति नकली समीक्षाओं से संबंधित मानदंडों में बदलाव को अंतिम रूप दे रही है। इसे भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा 2021 में तैयार किया गया था।

मानदंडों में बदलाव किए जाने के बाद वे अनिवार्य हो जाएंगे। इसके बाद नकली समीक्षा पोस्ट करने और प्रतिद्वंद्वी संस्थाओं की नकली समीक्षा करने के लिए ई-कॉमर्स फर्मों पर जुर्माना लगाया जाएगा। कई ई-कॉमर्स कंपनियां एक-दूसरे के खिलाफ नेगेटिव रिव्यू करवाती हैं। नकली समीक्षाओं पर बीआईएस मानदंड अब तक स्वैच्छिक प्रकृति के हैं।

10-50 लाख तक लग सकता है जुर्माना
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार उत्पादों की नकली समीक्षा पोस्ट करने और बढ़ी हुई रेटिंग देने के लिए ई-कॉमर्स संस्थाओं पर जुर्माना लगाया जाएगा। जुर्माना 10 लाख रुपए से 50 लाख रुपए तक हो सकता है। इसके अलावा उपभोक्ता मामलों का विभाग गलत ई-कॉमर्स संस्थाओं का खुद से संज्ञान भी ले सकता है।

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समिति द्वारा एक सप्ताह के भीतर फर्जी समीक्षाओं पर बीआईएस मानदंडों में बदलाव का सुझाव देने की उम्मीद है। पैनल ने बुधवार को इस मामले पर एक बैठक की, जिसमें विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ कई स्टेकहोल्डर्स मौजूद थे।

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