सार
इंडियन आईटी एंड आईटीएस एंप्लाई एसोसिएशन (AIITEU) की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि साल 2023 में अघोषित छंटनी से लगभग 20 हजार IT प्रोफेशनल्स पर प्रभाव पड़ा है। एसोसिएशन का कहना है कि ये आंकड़े ज्यादा भी हो सकते है।
टेक डेस्क. भारत की टॉप-6 IT कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में कर्मचारियों की संख्या में कमी की जानकारी दी है। इसमें TCS, इंफोसिस, एलटीआई-माइंडट्री, टेक महिंद्रा और विप्रो शामिल हैं। HCL टेक सिर्फ एक ऐसी कंपनी है, जिसमें ने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई हैं। कर्मचारियों के कमी का कारण आर्थिक मंदी, ऑटोमेशन, रिस्ट्रक्चरिंग और लागत में कमी को बताया गया हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस गिरावट के पीछे कोविड-19 के इंडस्ट्री में आया डाउनफॉल है। ये जो छंटनी हुई है, उसे साइलेंट छंटनी कहते है।
दुनिया भर की दिग्गज टेक कंपनियों में भारी छंटनी
नौकरियों में कटौती सिर्फ भारतीय IT कंपनियों में नहीं हुई है, बल्कि ग्लोबल IT कंपनी एप्पल, गूगल, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, IBM, इंटेल और सहित दूसरी कंपनियों ने बीते 12 से 18 महीनों में छंटनी का ऐलान किया हैं। भारतीय कंपनियों और ग्लोबल कंपनी का काम करने का पैटर्न लगभग एक ही है। इनमें कई बड़े स्टार्टअप में छंटनी हुई, तो कई बंद हो गए। कई स्टार्टअप के वैल्यूएशन में 50% की कमी आई है।
साइलेंट छंटनी का दौर
इंडियन आईटी एंड आईटीएस एंप्लाई एसोसिएशन (AIITEU) की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि साल 2023 में अघोषित छंटनी से लगभग 20 हजार IT प्रोफेशनल्स पर प्रभाव पड़ा है। एसोसिएशन का कहना है कि ये आंकड़े ज्यादा भी हो सकते है।
जानें क्या है साइलेंट छंटनी
साइलेंट छंटनी कंपनियों का एक प्रचलित तरीका है, जिसमें कंपनी में बेहतर पोस्ट के लिए 30 दिन का समय देता है। ऐसा न करने पर उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। AIITEU का दावा है कि साइलेंट छंटनी में दावा किया गया है कि कंपनियां कर्मचारियों पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया जाता है। ये नीति कई कंपनियों ने अपनाई है।
कंपनियां अपना रही कई तरह की रणनीति
नैसेंट इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने दावा किया है कि अकेले 2024 के पहले पांच महीनों में कई IT कंपनियों से 2 से तीन हजार कर्मचारियों की छंटनी की गई है।
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