सार

रामनवमी के खास मौके पर आज अयोध्या में अभिजीत मुहूर्त पर रामलला का सूर्य तिलक किया गया। इसके लिए ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया। स टेक्नोलॉजी की मदद से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाया गया था।

टेक डेस्क. आज पूरे देशभर में रामनवमी धूमधाम से मनाई जा रही हैं। राम भक्तों के लिए ये दिन बेहद खास है। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार रामनवमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। आज अयोध्या में 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में भगवान राम के बाल स्वरूप के राजतिलक का कार्यक्रम हुआ। इसमें सूर्य की किरणें मस्ताभिषेक सिस्टम का इस्तेमाल करेंगी। इसके लिए फिजिक्स की खास तकनीक ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। इस टेक्नोलॉजी की मदद से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक पहुंचाया गया था। इसके लिए रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों की टीम ने तैयारियां की थी।

जानें कैसे काम करेगा ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम

गर्भगृह में स्थापित भगवान राम के बाल स्वरूप की मूर्ति तक सूर्य की किरणों को पहुंचाने के लिए 1 रिफ्लेक्टर, 2 दर्पण, 3 लेंस और 8 से 9 मीटर लंबा पीतल का पाइप लगाया गया है। मुहूर्त सारे काम हो इसलिए ऑप्टिकल में 19 गियर लगाए गए हैं। इससे कुछ ही सेकंड्स में दर्पण और लेंस पर किरणों की चाल में बदलाव करेंगे।

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बिना इलेक्ट्रिसिटी 19 गियर पर करेगा काम

रामलला की सूर्य तिलक कार्यक्रम के लिए छत पर रिफ्लेक्टर यानी बड़ा बॉक्स छत पर लगा है। इसमें एक बड़ा एक मुख्य लेंस है जो बिना इलेक्ट्रिसिटी के 19 गियर पर काम करेगा। ऐसे में सूर्य की किरणें ठीक 12 बजे सबसे पहले ऊपर लगे दर्पण पर पड़ेगी, जिसके बाद तीन लेंस से गिरकर दूसरे तल पर स्थित मिरर से टकराएगी। आखिर में किरणें रामलला के माथे पर 75 मिलीमीटर के तिलक के रूप में दिखाई पड़ेगी। ये तिलक लगभग 4 मिनट तक रहेंगी।

अयोध्या में 25 लाख भक्त पहुंचे 

रामनवमी के खास मौके पर अयोध्या में 25 लाख भक्तों के पहुंचने की संभावना है। अयोध्या को आज 7 जोन और 39 सेक्टर में विभाजित किया गया है। वहीं, पार्किंग के लिए 2 जोन और 11 क्लस्टर में बांटा गया है।

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