सार
बहुत से लोग सामान्य कॉल रिकॉर्डिंग के डर से WhatsApp कॉल का सहारा लेते हैं। लेकिन, अब खबर है कि WhatsApp कॉल भी सुरक्षित नहीं हैं। आम कॉल रिकॉर्डिंग के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के नियम हैं। लेकिन, WhatsApp कॉल रिकॉर्डिंग ऐप्स पर ऐसे कोई नियम लागू नहीं होते, जिससे इनका धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है।
ठगी करने वाले समूह WhatsApp कॉल रिकॉर्ड करने के लिए थर्ड पार्टी ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं। TRAI जैसे संगठनों के पास इन ऐप्स द्वारा की जा रही रिकॉर्डिंग को नियंत्रित करने का कोई अधिकार नहीं है। पीड़ित व्यक्ति सिर्फ़ आईटी कानून के तहत निजता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करा सकता है। लेकिन, कॉल रिकॉर्ड हो रही है या नहीं, इसका पता लगाना मुश्किल होता है।
कई विकसित देशों ने थर्ड पार्टी ऐप्स द्वारा कॉल रिकॉर्डिंग पर पहले ही रोक लगा दी है। भारत में यह कानून लागू होने में देरी हुई है। यही वजह है कि पुराने मोबाइल फोन पर आने वाली कॉल रिकॉर्ड हो सकती है और कॉल करने वाले को पता भी नहीं चलेगा। कई थर्ड पार्टी ऐप्स में वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाएँ भी होती हैं। ऑनलाइन ठगी में हनी ट्रैपिंग के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
कुछ ऐप्स में रिकॉर्ड की गई आवाज और वीडियो को एडिट करने की सुविधा भी होती है। कुछ ऐप्स Facebook Messenger कॉल रिकॉर्ड करने की सुविधा भी देते हैं। यह सब बहुत चिंताजनक है। संक्षेप में कहें तो WhatsApp जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर की जाने वाली कॉल सुरक्षित नहीं हैं।
कॉल रिकॉर्ड करने के लिए आमतौर पर App Call recorder, Call recorder- Cube ACR, Video Call Screen recorder for WhatsApp FB, AZ Screen Recorder, Video Call Recorder for WhatsApp, Mobizen Screen Recorder, REC Screen Recorder, Messenger Call Recorder, Call recorder for WhatsApp, All Call recorder जैसे ऐप्स का इस्तेमाल किया जाता है।