सार

टिकटॉक पर अमेरिकी यूजर्स के डेटा चुराने और उसे चीन को देने के आरोप लग रहे हैं कैलिफोर्निया की एक अदालत में पिछले हफ्ते इसे लेकर एक मुकदमा दायर किया गया है
 

कैलिफोर्निया: वीडियो शेयरिंग ऐप टिकटॉक को लेकर एक नया विवाद सामने आ रहा है। टिकटॉक पर अमेरिकी यूजर्स के डेटा चुराने और उसे चीन को देने के आरोप लग रहे हैं। कैलिफोर्निया की एक अदालत में पिछले हफ्ते इसे लेकर एक मुकदमा दायर किया गया है।

कंपनी पर आरोप लगाया गया है कि यूजर्स की सहमति के बिना उनके डेटा चोरी चुपके चीन भेजा जा रहा है। टिकटॉक की पेरेंट कंपनी 'बाइट डांस' है। कंपनी का मुख्यालय बीजिंग में है। ये ऐप भारत, अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देशों में लोकप्रिय है। टिकटॉक पर दुनियाभर में करीब 50 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं। इससे पहले कंपनी ने साफ किया था कि वह अमेरिकी यूजर्स के डेटा को चीनी सर्वर पर स्टोर नहीं करती है। अब डेटा संग्रह और सेंसरशिप को लेकर कंपनी उत्तरी अमरीका में दबाव का सामना कर रही है।

आरोप में और क्या क्या है?
मुकदमे में जो आरोप लगाया गया है उसके मुताबिक, कंपनी यूजर्स के डेटा का सफाया कर रही है और उसे चीन के सर्वर में भेज दिया गया है। इसमें निजी और व्यक्तिगत रूप से पहचान किए जाने वाले डेटा भी हैं। यह भी कहा गया है कि डेटा का उपयोग आज या कभी भी यूजर्स की पहचान और उसे अमेरिका में चिह्नित करने के लिए हो सकता है।

किसने दायर किया है मुकदमा
मिस्टी हॉन्ग नाम की एक लड़की ने मुकदमा दायर किया है। मिस्टी कैलिफोर्निया की एक यूनिवर्सिटी में पढ़ रही हैं। मिस्टी का आरोप है कि उन्होंने सिर्फ ऐप इनस्टाल किया था और महीनों बाद कंपनी ने खुद उनका अकाउंट बना दिया। चोरी से उनके वीडियो भी ले लिए। ये वो वीडियो हैं जिन्हें वो पब्लिश नहीं करना चाहती थीं। ये डेटा चीन के टेनसेंट और अलीबाबा के सर्वरों को भी भेज दिया गया।

अभी इस मामले पर टिकटॉक की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतिकात्मक फोटो)