सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि नफरत फैलाने वाले बयान देने पर शिकायत नहीं मिलने पर भी केस दर्ज किया जाए। केस दर्ज करने में देर होने को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।