SSY, PPF और NPS में सालभर के दौरान मिनिमम अमाउंट अगर आपने नहीं जमा किया है तो आपको पेनाल्टी भरनी पड़ सकती है। बता दें, सुकन्या समृद्धि योजना में 250 रु, पीपीएफ में 500 रु. और एनपीएस अकाउंट में सालभर में कम से कम आपको 1000 रु. जमा करना होता है।
इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के मुताबिक, पीपीएफ और सुकन्या में निवेश पर 1.5 लाख रुपए तक का डिडक्शन मिलता है। इसका फायदा उठाकर आप इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं।
नौकरी करने वालों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड जुटाने के लिए सबसे बेहतर ऑप्शन है। अगर आपका NPS अकाउंट है और आप घर बैठे बैलेंस चेक करना चाहते हैं, तो इसके लिए बेहद आसान प्रॉसेस है।
अखिल भारतीय सेवा के जिन कर्मचारियों को NPS (National Pension Scheme) मिल रहा है उन्हें OPS (old pension scheme) में शामिल होने का एक मौका मिलेगा। इसके लिए वे 30 नवंबर तक आवेदन कर पाएंगे।
नौकरी करने वाले लोगों के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है। हालांकि, अगर आप मैच्योरिटी से पहले पैसा निकालना चाहते हैं तो इससे जुड़े नए नियम जरूर जान लें।
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) रिटायरमेंट फंड बनाने के लिए सबसे बेहतर विकल्प है। 2004 में इसे सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। हालांकि, 2009 में इसे सभी वर्गों के लिए खोल दिया गया।
नेशनल पेंशन सिस्टम केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई एक ऐच्छिक पेंशन योजना है। इसमें निवेशक को इक्विटी और डेट दोनों में इन्वेस्टमेंट करने का मौका मिलता है। रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के लिए ये एक अच्छा विकल्प है। हालांकि, 1 सितंबर से इससे जुड़े नियमों में काफी बदलाव हुए हैं। आइए जानते हैं।
आप अपनी पत्नी का बेहतर जीवन चाहते हैं तो आपको पत्नी के नाम पर एनपीएस अकाउंट खुलवा लेना चाहिए। इससे आप उनके आनेवाले समय के लिए निश्चित हो जाएंगे। 60 साल के बाद उनके पास अच्छी खासी रकम होगी और हर महीने पेंशन भी आएगा।
National Pension System: एनपीएस (NPS) एक मार्केट लिंक्ड जुड़ा, डिफाइन कंट्रीब्यूशन प्रोडक्ट है जिसमें आपको अपनी पसंद के फंड (Pension Fund) में नियमित रूप से निवेश (Regular Investment) करने की आवश्यकता होती है।
पीएफआरडीए की वेबसाइट पर 31 जनवरी, 2022 की एक सर्कूलर के अनुसार एग्जिट और क्लीयरेंस सर्विस चार्ज की प्रक्रिया नई शुरू की गई है, निकास और निकासी की प्रक्रिया को कम से कम 125 रुपए के साथ कॉर्पस के 0.125 फीसदी पर रखा गया है और अधिकतम शुल्क 500 रुपए होगा।