सार
त्योहारी सीजन में अधिकतर लोग वाहन खरीदते हैं। लेकिन हाल ही में असम का एक ऐसा मामला सामने आया है जहां पर अपनी पसंदीदा बाइक खरीदने के लिए एक शख्स सिक्कों से भरा बोरा लेकर पहुंच गया।
ट्रेंडिंग डेस्क : दिवाली की खरीदारी के दौरान लोग तरह-तरह की चीजें खरीदते हैं। कोई इस दौरान सोना चांदी खरीदता है, तो कोई नई गाड़ी लेता है। ऐसा ही एक मामला असम के करीमगंज जिले से सामने आया है। जहां पर एक शख्स दिवाली के मौके पर बाइक खरीदने के लिए गया। लेकिन जब वह यहां पहुंचा और उसने अपनी पसंदीदा बाइक खरीदने के लिए पैसे निकाले तो शोरूम वाले भी देख कर हैरान हो गए। दरअसल, इस शख्स ने बाइक खरीदने के लिए 50 हजार रुपए की डाउन पेमेंट की। लेकिन यह डाउन पेमेंट उसने चेक या नोटों की गड्डी से नहीं बल्कि 1,2,5 और 10 के सिक्कों से किया। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।
असम में करीमगंज जिले के रामकृष्ण नगर के रहने वाले सुरंजन रॉय दिवाली के बाद बाइक खरीदने के लिए अपने इलाके में स्थित एक टीवीएस के शोरूम में पहुंचे। यहां पर उन्होंने अपने पसंद की अपाचे 160 4V बाइक पसंद की। वैसे तो इस बाइक की कीमत 1 लाख 26 हजार से ज्यादा है। लेकिन उन्होंने इस बाइक को फाइनेंस कराने का फैसला किया और शोरूम कर्मी बरनौली पॉल को बताया कि उन्हें यह बाइक पसंद है और वे इसे खरीदने के लिए 50 हजार रुपए के सिक्के लेकर आए हैं। इसके बाद वह सिक्कों से भरा हुआ एक बोरा अपने साथ लेकर आए। जिसमें 1,2,5 और 10 रुपए के सिक्के थे।
शोरूम कर्मचारी ने बताया कि पहले तो वह इन सिक्कों को देखकर दंग रह गए, क्योंकि आज तक ऐसा कोई शख्स बाइक खरीदने के लिए डाउन पेमेंट के रूप में सिक्के नहीं आया। लेकिन उन्होंने बताया कि जिस तरह से शख्स ने अपनी बाइक खरीदने का सपना संजोया उसे देखते हुए हमने सिक्कों के रूप में डाउन पेमेंट स्वीकार कर ली। दरअसल, सुरंजन रॉय ने बताया कि उन्हें काफी सालों से एक बाइक खरीदने का मन था। इसके लिए उन्होंने धीरे-धीरे बचत करते हुए सिक्के इकट्ठा करना शुरू किया। कुछ सालों में उनके पास 50 हजार रुपए के सिक्के इकट्ठे हो गए। इसके बाद उन्होंने इससे बाइक लेने का फैसला किया।
सोशल मीडिया पर सिक्कों से बाइक खरीदने कि यह खबर तेजी से वायरल हो रही है और लोग इस शख्स की बेहद तारीफ भी कर रहे हैं। बता दें कि भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत भी कोई भी व्यक्ति देश की किसी भी मुद्रा- सिक्के या नोट में कोई भी चीज खरीद सकता है और विक्रेता इसे लेने से इनकार नहीं कर सकता है। नहीं तो यह कानून का उल्लंघन और मुद्रा का अपमान माना जाता है।
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