सार

भारत में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। अब ये साफ हो चुका है कि एक ही व्यक्ति दो बार भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में वैक्सीन लगवाना एक प्रभावी उपाय बनकर सामने आया है। हालांकि वैक्सीन भी 100 प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी नहीं देती है। दांत के डॉक्टरों का मानना है कि वह व्यक्ति जो हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुआ है उसे ठीक होने के बाद अपना टूथब्रश बदल लेना चाहिए। क्योंकि ब्रश से व्यक्ति के दोबारा संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसके अलावा दूसरा व्यक्ति गलती से संक्रमित व्यक्ति का टूथब्रश इस्तेमाल करता है तो वो भी संक्रमित हो सकता है।

नई दिल्ली. भारत में कोरोना की दूसरी लहर तेजी से लोगों को संक्रमित कर रही है। अब ये साफ हो चुका है कि एक ही व्यक्ति दो बार भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में वैक्सीन लगवाना एक प्रभावी उपाय बनकर सामने आया है। हालांकि वैक्सीन भी 100 प्रतिशत सुरक्षा की गारंटी नहीं देती है। दांत के डॉक्टरों का मानना है कि वह व्यक्ति जो हाल ही में कोरोना से संक्रमित हुआ है उसे ठीक होने के बाद अपना टूथब्रश बदल लेना चाहिए। क्योंकि ब्रश से व्यक्ति के दोबारा संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसके अलावा दूसरा व्यक्ति गलती से संक्रमित व्यक्ति का टूथब्रश इस्तेमाल करता है तो वो भी संक्रमित हो सकता है। 

टूथब्रश-टंग क्लीनर पर डॉक्टरों की राय

नई दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में डेंटल सर्जरी के एचओडी डॉक्टर प्रवीण मेहरा ने कहा, अगर आप या आपके परिवार के किसी को भी कोरोना हुआ है तो ठीक होने के बाद उसे सबसे पहले अपना टूथब्रश, टंग क्लीनर को बदल लेना चाहिए। 

वायरल या सर्दी-खांसी में भी बदल लें टूथब्रश

आकाश हेल्थकेयर सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की कंसल्टेंट (डेंटल) डॉक्टर भूमिका मदान ने इस बात से सहमति जताते हुए कहा कि वह सभी को टूथब्रश और टंग क्लीनर बदलने की सलाह देती हैं, वो भी कोरोना के मरीजों को ही नहीं, बल्कि जो फ्लू, खांसी और सर्दी से ठीक हुए हैं। डॉक्टर भूमिका मदान ने कहा, हम कोविड -19 रोगियों को भी यही सलाह दे रहे हैं। अगर आप कोरोना से ठीक हुए हैं तो लक्षण मिलने के 20 दिन बाद अपने टूथब्रश और टंग क्लिनर को बदल लेना चाहिए। 

बचने के लिए माउथवॉश का इस्तेमाल करें

उन्होंने बताया कि ऐसा इसलिए करना चाहिए, क्योंकि टूथब्रश पर समय के साथ बैक्टीरिया / वायरस पनपते रहते हैं। संक्रमित व्यक्ति के ब्रश पर लंबे समय तक वायरस रह सकते हैं। डॉक्टर मदान ने कहा, संक्रमण  से बचने के लिए हम माउथवॉश का इस्तेमाल करते हैं, जो मुंह के वायरस को कम करने में मदद करता है। अगर माउथवॉश उपलब्ध नहीं है, तो गर्म खारा पानी के साथ मुंह का कुल्ला करना भी उपयोगी होगा। दिन में दो बार ओरल हाइजीन बनाए रखना और ब्रश करना जरूरी है।

इस सोच के पीछे विज्ञान क्या कहता है?

कोविड -19 से उबरने के बाद ओरल हाइजीन और टूथब्रश बदलने और टंग क्लीन के महत्व को समझने के लिए एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस को समझना जरूरी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्लूएचओ के मुताबिक, वायरस मुख्य रूप से छोटी बूंदों के जरिए फैलता है। ये संक्रमित व्यक्ति के मुंह से निकलते हैं जब वो व्यक्ति खांसता, छींकता, चिल्लाता, बात करता या हंसता है। संक्रमित फ्लोर को छूने से भी संक्रमण हो सकता है। हाथ को धुले बिना आंख, नाक या मुंह को छूना भी खतरनाक है। 

हवा में भी फैल रहा है कोरोना वायरस 

इसके अलावा ये वायरस हवा में भी पाया गया है। यानी एक बार संक्रमित व्यक्ति से निकलने के बाद यह कुछ समय के लिए हवा में रह सकता है और दूसरों को संक्रमित कर सकता है। ऐसे में संक्रमित व्यक्ति के टूथब्रश और टंग क्लीनर में वायरस के होने की संभावना ज्यादा होती है। ऐसे में फिर से उसी ब्रश के इस्तेमाल करने से फिर से व्यक्ति संक्रमित हो सकता है। घर में किसी को कोरोना हुआ है तो घर के टॉयलेटरी आइटम (टूथब्रश, जीभ क्लीनर) को एक साथ रखना जरूरी है। वहीं संक्रमित व्यक्ति को अपना टूथब्रश और टंग क्लीनर को सुखाकर ही रखना चाहिए।

कोविड और टूथब्रश पर ब्राजील की रिसर्च 

इस साल जनवरी में ब्राजील के शोधकर्ताओं ने कोविड -19 के फैलने में ओरल हाइजीन की भूमिका पर रिसर्च की। अध्ययन ने सिफारिश किया गया कि टूथब्रश को साफ रखना बहुत जरूरी है। ये संक्रमण को कम करने में मदद करता है।

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