सार

जस्टिस (रिटायर्ड) दीपक वर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अजहरुद्दीन के खिलाफ शिकायत लोकपाल को नहीं भेजी गई थी। इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है। उन्होंने कहा कि एपेक्स काउंसिल अपनी मर्जी से ऐसा कोई निर्णय नहीं ले सकती है।

भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर फिर से बहाल कर दिया गया है।  लोकपाल जस्टिस (रिटायर्ड) दीपक वर्मा ने फिर से बहाल करने का फैसला किया। इतना ही नहीं, उन्होंने अजहरुद्दीन को निलंबित करने वाले एपेक्स काउंसिल के पांच सदस्यों को अस्थायी रूप से अयोग्य ठहराया है। 

हितों के टकराव का आरोप लगा था
एक अंतरिम आदेश में एचसीए लोकपाल ने एचसीए एपेक्स काउंसिल के पांच सदस्यों के जॉन मनोज, वाइस प्रेसिडेंट, आर विजयानंद, नरेश शर्मा, सुरेंद्र अग्रवाल, अनुराधा को अस्थायी रूप से अयोग्य घोषित कर दिया। अजहरुद्दीन के खिलाफ हितों के टकराव के आरोप लगाए गए थे।

जस्टिस (रिटायर्ड) दीपक वर्मा ने अपने आदेश में कहा कि अजहरुद्दीन के खिलाफ शिकायत लोकपाल को नहीं भेजी गई थी। इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं है। उन्होंने कहा कि एपेक्स काउंसिल अपनी मर्जी से ऐसा कोई निर्णय नहीं ले सकती है। इसलिए मैं निर्देश देता हूं कि मोहम्मद अजहरुद्दीन प्रेसिडेंट बने रहेंगे और पदाधिकारियों के खिलाफ सभी शिकायतों पर लोकपाल ही निर्णय लेगा।