सार

ऐसा ही एक केस साल 2020 में आया था, तब डॉक्टर्स ने एक प्रेग्नेंट गाय के पेट से 30 किलो प्लास्टिक और लोहे के टुकड़े निकाले थे। 

बेंगलुरू. चिकमंगलुरु जिले के कदुर में एक गाय के पेट से 21 किलो प्लास्टिक निकाली गई। डॉक्टर ने करीब 4 घंटे की सर्जरी की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाय को 3 से 4 साल की उम्र से ही सूजन, कमजोरी और भूख कम लगने जैसी दिक्कत होने लगी थी। गाय की खाना पचाने की क्षमता कम हो गई थी। 

कदुर में पशुओं के डॉक्टर बीए अरुण ने कहा, जब गाय प्लास्टिक खाती है तो उसे पचा नहीं पाती है। वह लंबे समय तक उसके पेट में जमा होता रहता है। गर्मी से थोड़ा बहुत प्लास्टिक मेल्ट होती है। लेकिन इससे दूसरे खाद्य पदार्थों के लिए पेट में जगह नहीं बचती है। ऐसे में खून को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलता है। 

गाय की सर्जरी कैसे की गई?
डॉक्टर अरुण ने बताया कि सर्जरी के दौरान गाय को खड़ा रखा गया था। उसे लोकल एनस्थिसिया का इंजेक्शन दिया गया। गाय अब ठीक है और अगले पांच दिनों तक उसे एंटीबायोटिक्स और दर्द मिटाने वाली दवाएं दी जाएंगी। 

डॉक्टर अरुण ने पिछले एक साल में कडूर में ही ऐसे 10-15 केस देखे हैं। इसे रोकने के लिए उन्होंने लोगों से अपील भी की कि खराब खाने के प्लास्टिक में भरकर न फेंके। प्लास्टिक का उपयोग कम करें। 

उन्होंने कहा, अगर खराब खाना प्लास्टिक के अंदर रखा है तो जानवर उसे सूंघते हैं फिर खाने की कोशिश करते हैं। ये जानवरों के लिए एक तरह का धीमा जहर है। ऐसा ही एक केस साल 2020 में आया था, तब डॉक्टर्स ने एक प्रेग्नेंट गाय के पेट से 30 किलो प्लास्टिक और लोहे के टुकड़े निकाले थे।