सार

कोरोना संक्रमण ने एक नेत्रहीन दंपति के आंखों के तारे को छीन लिया। दिल्ली में एक 9 महीने का बच्चा कृषु कोरोना से हार गया और उसकी मौत हो गई। इससे पहले बुधवार को एक पांच महीने की बच्ची की भी मौत हुई थी।

ट्रेंडिंग डेस्क. कोरोना की दूसरी घातक लहर की चपेट में बच्चे भी आ रहे हैं। हाल ही में कोरोना संक्रमण (covid-19) ने एक नेत्रहीन दंपति के आंखों के तारे को छीन लिया। दिल्ली में एक 9 महीने का बच्चा कृषु कोरोना से हार गया और उसकी मौत हो गई। कृषु के माता-पिता दोनों अंधे हैं। जिसके चलते बीजेपी के पूर्व विधायक जितेन्द्र सिंह 'शंट्टी' ने श्मशान घाट के एक कोने में कृषु को दफनाया। कृषु के एक रिश्तेदार ने बताया कि 'लड़का अपने माता-पिता की इकलौती संतान था, जो पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन में रहते हैं।'

पिता भी लड़ रहे कोरोना से जंग
कुछ दिन पहले कृषु को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां गुरुवार तड़के उसकी मौत हो गई। उनके पिता 26 वर्षीय शशांक शेखर ताहिरपुर के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। उन्हें ये तक नहीं पता है, कि उसने अपने बच्चे को खो दिया। कृषु की मां ज्योति ने रोते हुए कहा कि कृपया कृषु के पापा को कुछ मत बताना। अब, मैं उसे भी खोना नहीं चाहती।" 

2 दिन में 2 बच्चों की मौत
दो दिनों में यह दूसरी बार है, जब किसी बच्चे ने इस घातक बीमारी के चलते दम तोड़ा है। 59 साल के एक बुजुर्ग जिन्होंने कोविड ​​​​-19 की दूसरी लहर के दौरान 2,000 से अधिक अजनबियों का अंतिम संस्कार दिया है, उन्होंने बताया कि, कृषु से पहले बुधवार को एक पांच महीने की बच्ची को भी दफन किया गया था। 

बुधवार को हुआ था परी का निधन
कृषु से पहले दिल्ली के नंद नगरी के रहने वाली परी की कोरोना के चलते मौत हो गई थी। 30 साल के परी के पिता प्रह्लाद ने बताया थी कि उनकी 'लाली' पिछले कुछ दिनों से तेज बुखार में चल रही थी। उन्होंने कहा, "हम उसे पास के एक निजी क्लिनिक में ले गए। जब ​​उसकी हालत बिगड़ गई, तो हम उसे गीता कॉलोनी में बच्चों के अस्पताल चाचा नेहरू में लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने आरटी-पीसीआर परीक्षण किया, जो पॉजिटिव निकला।" इसके बाद परी को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में परी को 6 मई से वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। लेकिन बुधवार सुबग 11.30 बजे उसने दम तोड़ दिया।