सार
दोनों में से बड़े नरेंद्र बाबू के पास बीएससी और बीएड की डिग्री है। उन्होंने कुछ सालों तक टीचर के रूप में काम किया। छोटे भाई श्रीनिवास ने सामाजिक कार्य (MSW) में मास्टर की डिग्री हासिल की।
हैदराबाद. तेलंगाना के मुलुगु जिले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां एक दुर्घटना में दो बैलों की मौत हो जानें पर दो भाईयों ने बैक की जगह खेत की जुताई की।
बड़े भाई के पास बीएससी की डिग्री है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब दोनों बैलों की मौत हो गई तो दोनों भाईयों ने अपने कंधों पर जूआ डाल खुद खेत की जुताई की। दोनों में से बड़े नरेंद्र बाबू के पास बीएससी और बीएड की डिग्री है। उन्होंने कुछ सालों तक टीचर के रूप में काम किया। छोटे भाई श्रीनिवास ने सामाजिक कार्य (MSW) में मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद हैदराबाद के एक शैक्षणिक संस्थान में कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम किया।
टीचर की नौकरी छूट गई, वापस गांव लौटे
नरेंद्र बाबू ने मीडिया को बताया, बैलों की मौत के बाद हमें गुजारा करना भी मुश्किल हो गया। उन्होंने चार साल पहले गणित टीचर के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी और अपने गांव चले गए। नरेंद्र ने कहा, पिछले दो साल कोविड के कारण मुश्किल में कटे। मैंने और मेरे भाई ने मनरेगा के तहत जो भी पैसे कमा सकते थे, कमाए। घर चलाने के लिए कुली का काम किया।
खेती के लिए किराए पर ट्रैक्टर लेना मुश्किल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दोनों भाईयों की आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि खेती के लिए ट्रैक्टर लेना भी मुश्किल था। ऐसे में भाइयों ने अपने पिता के साथ बैलों की जगह खुद खेत में उतर गए। उन्होंने कहा, यह कठिन था लेकिन हमारे पास कोई विकल्प नहीं था।
दोनों भाईयों के पिता ने कहा, मैंने 60 हजार रुपए बचाकर रखे थे। सोचा था कि इससे एक जोड़ी बैल खरीद लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक जोड़ी बैल की कीमत 75 हजार रुपए थी। ऐसे में बैल नहीं खरीद सके। पिता ने कहा, मैंने कड़ी मेहनत की और अपने बेटों को पढ़ाया। मुझे उम्मीद थी कि उन्हें सरकारी नौकरी मिलेगी। लेकिन वैसा नहीं हुआ। मेरे दोनों बेटे घर लौट आए क्योंकि उनके पास कोई नौकरी नहीं थी। मेरी सारी बचत खत्म हो गई।